लखनऊ से ज्यादा अडवांस होगी कानपुर की मेट्रो…सितंबर में आएगी, नवंबर में ट्रायल

• पहली मेट्रो ट्रेन सितंबर के अंत में कानपुर आ जाएगी • यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने आईआईटी से मोतीझील तक कानपुर में चल रही मेट्रो परियोजना का निरीक्षण किया • अहमदाबाद से कानपुर आने में 10 से 12 दिन का समय लगेगा

कानपुर में मेट्रो परियोजना का तेजी से चल रहा है। मेट्रो के लिए रेलवे ट्रैक बिछाने और सिग्नल का काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के एमडी कुमार केशव का दावा है कि कानपुर की मेट्रो ट्रेन (Kanpur Metro) लखनऊ से ज्यादा अडवांस होगी। अहमदाबाद के सांवली प्लांट में ट्रेन को तैयार किया जा रहा है। पहली मेट्रो ट्रेन सितंबर के अंत में कानपुर आ जाएगी। इसके बाद नवंबर में इसका ट्रायल किया जाएगा।

गुरुवार को यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने आईआईटी से मोतीझील तक कानपुर में चल रही मेट्रो परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि ट्रैक और गार्डर बिछाने का काम लगभग पूरा होने वाला है। प्लेटफार्म, सीढ़ियां, सिग्नल का काम तेजी से चल रहा है। आईआईटी से मोतीझील तक पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं। ट्रैक पर पटरियों को बिछाने का कार्य अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से मोतीझील का ट्रैक लगभग 09 किलोमीटर लंबा है। मेट्रो की पहली ट्रेन सितंबर और दूसरी ट्रेन अक्टूबर तक आ जाएगी। इसके साथ ही नवंबर से इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा।

यूपीएमआरसी (UPMRC) के एमडी कुमार केशव ने बताया कि कानपुर के लिए जो मेट्रो ट्रेन बन रही है, वह लखनऊ से ज्यादा एडवांस है, बल्कि यह कहा जाए कि लखनऊ की ट्रेन से एक कदम आगे है। लखनऊ की ट्रेन से तीन साल बाद कानपुर के लिए ट्रेन बना रहे हैं। ये मेट्रो ट्रेन बहुत ही मॉर्डन है। इसमें व्हीलचेयर की भी सुविधा है। फिजिकली चैलेंज पर्सन आसानी से जा सकते हैं। किसी की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि किसी को महिला या बुजुर्ग को कोई दिक्कत समस्या हो तो ड्राइवर और कंट्रोल रूम से बात कर सकते हैं। पूरी ट्रेन सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी। सभी कैमरे कंट्रोल रूम से अटैच रहेंगे।

यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव के मुताबिक, हमारे विजिट का मुख्य उद्देश्य समस्याओं को देखने और उन्हें दूर करने का था। सिविल इंजीनियरिंग का काम काफी आगे बढ़ चुका है। इस वक्त ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है। इसके साथ ही टेलीकॉम और सिग्नल का भी काम चल रहा है। हम लोग स्टेशन के अलाव अन्य बारीकियों को भी ध्यान से देख रहे हैं। कोरोना की वजह से काम में कुछ बाधाएं जरूर आईं, लेकिन हमारा प्रयास है कि हम अपने टारगेट से पहले काम खत्म कर लें।

उन्होंने बताया कि नवंबर में हमें इसका ट्रायल शुरू करना है। कानपुर ट्रेन आनी है, अभी दो दिन पहले मैं सांवली अहमदाबाद प्लांट में था। प्लांट में ट्रेन बनाने का काम किया जा रहा है। सितंबर महीने में ट्रेन कानपुर लाने का टारगेट है। अहमदाबाद से कानपुर आने में 10 से 12 दिन का समय लगेगा। सितंबर महीने के अंत में पहली ट्रेन कानपुर आ जाएगी। तीन अलग-अलग डिब्बे ट्रेलर से आएंगे और फिर उन्हे यहां पर जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम जो कॉरिडोर ऑपरेट करेंगे। इसके लिए 6 ट्रेनों की जरूरत है, लेकिन हम 8 ट्रेनों के संचालन का टारगेट लेकर चल रहे हैं। ताकि एक ट्रेन हमारे पास मेंटीनेंस के लिए रहे। ट्रेन गुजरात में बन रही है, मैंने दो दिन पहले ही वहां का विजिट किया था। पहली और दूसरी ट्रेन बनकर तैयार हो गई है। तीसरी ट्रेन को बनाने का काम किया जा रहा है। पहली ट्रेन बनाने में सबसे ज्यादा समय लगता है।

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