मधुबनी नरसंहार में बड़ा खुलासा, फौजी है मृतक का पिता, बाघा बार्डर पर तिरंगा को देते थे सलामी

बिहार के महमदपुर नरसंहार में मारे गए राणा प्रताप बीएसएफ के साढ़े छह फीट के चुनिंदा जवानों में से एक थे। ज्यादातर उनकी ड्यूटी बाघा बॉर्डर पर तिरंगे को सैल्यूट करने में लगती थी। संभव है कि इस बड़ी मूछों वाले शख्स की फोटो आपने भी सोशल मीडिया पर वायरल देखा हो जिसमें पाकिस्तानी सिपाहियों के सामने इस तगड़े जवान ने आपको गर्व से भर दिया हो और आपने फोटो साझा की हो कि हमें गर्व है अपने जवानों पर।

मन्दिर की जमीन तालाब पर कब्जा करने के लिए सत्ता समर्थित गुंडों ने महमदपुर नरसंहार को अंजाम दिया जिसमें राणा प्रताप के दो सगे नौजवान भाई सहित पट्टीदारी के 3 और युवा दिन दहाड़े AK47 से भून डाले गए।हमारा दायित्व है कि हम सरकार से कम से कम इतना मांग करें कि सभी मृतकों की विधवाओं को एक एक करोड़ रुपये नकद, बच्चों को सरकारी खर्च पर बोर्डिग स्कूल में पढ़ने की सहूलियत और विधवाओं को फोर्स में सरकारी नौकरी और फोर्स के बीच ही सुरक्षित आवास दिया जाए।

साथ ही अपराधियों को गिरफ्तार कर फ़ास्ट ट्रैक मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दिलाई जाए।इसे अधिक से अधिक साझा करें। हैशटैग के साथ ट्विटर फेसबुक पर चलाएं। संभव है कि अमित शाह आरएसएस के प्रचारक की भूमिका से बाहर आकर कुछ देर के लिए हमारे गृहमंत्री बन जाएं और इस नरसंहार और अपने इस जवान के परिवार पर भी विचार कर लें।

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