सरसों तेल हुआ सस्ता, एक्सपर्ट के अनुसार फिर दाम महंगे होने के मिल रहे संकेत, बिगड़ेगा बजट

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्योहारी मांग निकलने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और सीपीओ तेल सहित लगभग सभी खाद्य तेलों के भाव में सुधार दर्ज हुआ। त्योहारों का मौसम के भी करीब होने से देशी तेलों की मांग बढ़ी है। मार्च अप्रैल के मौसम में सरसों से रिफाइंड बनाने के कारण सरसों तेल की किल्लत पैदा हुई है। सलोनी, कोटा और आगरा में सरसों का भाव 7,900 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये क्विन्टल कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि सरसों में किसी अन्य तेल की मिलावट पर रोक थी, वह आगे भी जारी रहेगी। उच्च न्यायालय ने 27 जुलाई तक सुनवाई टाल दी है। यह उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी हो सकती है, क्योंकि उन्हें शुद्ध तेल मिलना जारी रहेगा। मंडियों में सोयाबीन और सरसों की आवक कम है, लेकिन अचार बनाने वाली कंपनियों सहित प. बंगाल, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर कच्ची घानी तेल की मांग निरंतर बढ़ रही है।

बता दें महाराष्ट्र के लातूर में सोयाबीन बीज का भाव बढ़ाकर 8,300 रुपये क्विन्टल कर दिया गया है जबकि इंदौर के एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन के जुलाई अनुबंध का भाव ऊंचे में 8,462 रुपये क्विन्टल तक बोला गया।

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