नीतीश पर किसी की संगती का असर नहीं होता ! नितीश के मंत्री का बयान , कहा- गठबंधन के दूर थे, फिर भी हुआ विकास

इस बार बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में कई विधेयक पेश किए गए हैं। इन विधेयकों की मंजूरी के बाद, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने चार विधेयकों को मंजूरी दी है और उन्हें शुक्रवार को गजट प्रकाशित किया गया है। इसमें बिहार में नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का कोटा 60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किये जाने से संबंधित विधेयक पर अभी तक राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिली है।

इसके बाद बिहार पंचायती राज संशोधन 2023 विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति के बाद गजट प्रकाशित किया गया है। इसके बाद, गजट प्रकाशन के बाद बीपीआरओ (ब्लॉक पंचायत अधिकारी) को पुनः पंचायत समिति के कार्यकपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी मिलेगी। अब जल्दी ही पंचायती राज विभाग दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके पूर्व, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी (बीपीआरओ) पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। दो साल पहले, बीडीओ की जगह बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया था, और इसमें फिर से बदलाव हुआ है।

इसके अलावा, अन्य तीन विधेयकों में बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023, और बिहार विनियोग विधेयक 2023 शामिल हैं, जिनपर राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद गजट प्रकाशित किया गया है। बिहार विनियोग विधेयक 2023 के पारित होने से द्वितीय अनुपूरक बजट के अंतर्गत 26,086 करोड़ राशि खर्च करने का रास्ता साफ हो गया है।

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