टिकट कटने पर बोले गुप्तेश्वर पांडेय, नीतीश किसी को धोखा नहीं देते, चुनाव लड़ने नौकरी छोड़ आया था

बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद वीआरएस लेकर राजनीति में आने वाले पूर्व डीजीपी और जेडीयू (JDU) के नेता गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey ) ने पहली बार मीडिया से बात की है. पटना में मीडिया से बात करते हुए गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार की किसी भी सीट से टिकट नहीं मिलने के मसले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजनीति में कभी-कभी ऐसा होता है कि जिसे आप सोचते हैं वो नहीं होता. मैं पार्टी का सजग सिपाही हूं. पांडेय ने कहा कि मैं ठगा नहीं गया हूं क्योंकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) किसी को ठगते नहीं हैं.

गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि हां राजनीति में कभी-कभी ऐसा जरूर होता है कि जो आप सोचो वह नहीं हो सके. गुप्तेश्वर ने कहा की राजनीति में बहुत सारी मजबूरियां होती हैं. अब एनडीए को सूचना है कि मैं क्या करूंगा लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं. उन्होंने कहा कि सुशांत मामले में हमने बेहतर काम किया लेकिन मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ क्या किया यह सब ने देखा है. पूर्व डीजीपी ने कहा कि बिहार पुलिस को बेइज्जत किया गया. आजादी के बाद से किसी भी स्टेट की पुलिस के साथ से ऐसा नहीं हुआ था. हमने अपने अधिकारी को मुंबई भेजा तो उसे भी ठप्पा लगा दिया गया. गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मुंबई पुलिस अगर कह देती कि यहां आना नहीं है फिर अलग से बात होती लेकिन हमें भी मजबूरी में भेजना पड़ा.

पांडेय ने कहा कि पार्टी मुझे क्या जिम्मेदारी देती है वो पार्टी सोचेगी, लेकिन मुझे जैसी जिम्मेदारी मिलेगी मैं वैसा काम करूंगा. मुम्बई में सुशांत सिंह राजपूत के मामले को लेकर टिकट काटने के सवाल पर कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है. जो परिस्थिति थी उसके अनुसार मैंने काम किया था और वो सही भी था. मालूम हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार गुप्तेश्वर पांडेय को जेडीयू ने बिहार की किसी भी सीट से टिकट नहीं देकर सबों को चौंका दिया है. उनके बिहार की बक्सर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन ये सीट बीजेपी के खाते में गई और इस सीट से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार भी दे दिया है.

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस बार विधानसभा के चुनावी मैदान में नहीं दिखेंगे। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि भी की है। उन्होंने लिखा है कि मेरे सेवा मुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा। दरअसल 22 सितंबर को गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद से माना जा रहा था कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

गुप्तेश्वर पांडेय जब जदयू में शामिल हुए तो इस बात की लगभग पुष्टि भी हो गई थी। कहा जा रहा था कि वे बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह भी चर्चा थी कि वे वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से उपचुनाव भी लड़ सकते हैं। लेकिन अंततः विधानसभा और लोकसभा सीट दोनों उनके हाथों से निकल गई। बक्सर सीट गठबंधन में भाजपा के हिस्से चली गई। तो वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर जदयू ने सुनील कुमार को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

बुधवार को सत्ताधारी दल जेडीयू ने अपने सभी 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इसमें बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्व पांडेय का नाम शामिल नहीं है। अब पांडेय ने फेसबुक पोस्ट लिखकर अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है कि मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा।

बुधवार की रात पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवा मुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश-निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा।’

गुप्तेश्वर पांडेय ने आगे लिखा, ‘कृपया धीरख रखें और मुझे फोन नहीं करें। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे, भाई-बहनों और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम। अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।’

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