नीतीश ने RJD से गठबंधन तोड़ने का किया फाइनल फैसला, JDU के नेताओं ने नए प्लान पर काम करना शुरू किया

पटना 11 जनवरी 2024 : नई दिल्ली में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद से ही लगने लगा था कि बिहार की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. राजद और जदयू के नेताओं के बीच हो रहे तल्ख बयान बाजी ने भी माहौल को और खराब कर दिया. नीतीश कुमार बार-बार कहते रहे की लोकसभा चुनाव नजदीक है इसलिए सबसे पहले सीट शेयरिंग पर बात होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस सहित अन्य नेताओं ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. मामला कंट्रोल में आने के बदले अनकंट्रोल होता रहा और इंडिया गठबंधन के सभी बड़े नेता चुपचाप नौटंकी देखते रहे. हालात यहां तक पहुंच चुकी है कि अब जदयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी भी इंडिया गठबंधन को इंडी गठबंधन कह कर मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रहे हैं. चौंकिए मत जिस नीतीश कुमार ने सभी नेताओं से मिलकर इंडिया गठबंधन का निर्माण करवाया था उसी नीतीश कुमार की पार्टी अब इंडिया गठबंधन को इं​डी गठबंधन कह कर अपमानित कर रही है.

क्यों शुरू हुआ विवाद

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वर्तमान समय में जदयू के पास लोकसभा की 16 सीट है. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इन 16 सीटों पर किसी भी तरह की समझौता नहीं करना चाहती है. इसीलिए नीतीश कुमार के आदेश पर जदयू के तमाम बड़े नेताओं ने चाहे वह संजय झा हो या विजेंद्र यादव, नीरज कुमार हो या अशोक चौधरी सबने यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस और अन्य दल का गठबंधन राजद के साथ है. हम तो सिर्फ आरजेडी को जानते हैं. हमारे पास जो 16 सीट है उस पर कोई समझौता नहीं हो सकता क्योंकि इन सभी सीटों पर वर्तमान में हमारे सिटिंग सांसद विजयी होकर आए हैं. राजद और उनके घटक दल के नेताओं को 16 सीट छोड़कर गठबंधन पर फाइनल फैसला लेना होगा.

मीडिया में सूत्रों के हवाले से जो खबर चल रही है उसके हिसाब से जदयू 16 और राजद 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. आठ सीट में कांग्रेस और अन्य घटक दल को एडजस्ट करना होगा. अब सीट शेयरिंग के फार्मूले पर रजामंदी हो पाती है या नहीं यह तो समय ही बताएगा. सीट शेयरिंग पर तेजस्वी यादव ने आज पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि महागठबंधन के तमाम बड़े नेता इस विवाद को सुलझा लेंगे। अब पत्रकारों के सामने तो बात होगी नहीं। नीतीश कुमार ने भी कह दिया है कि समय पर सबकुछ फैसला हो जाएगा।

जदयू—राजद का गठबंधन रहेगा या नहीं

मकर संक्रांति के दिन राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव की ओर से चुरा दही के भोज का आयोजन किया गया है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ राजद जदयू के तमाम बड़े नेता और इंडिया गठबंधन के नेताओं को न्योता देने का ऐलान किया गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा की मकर संक्रांति वाले भोज में नीतीश कुमार पहुंचते हैं कि नहीं. इसके तुरंत बाद 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन होना है. मंदिर कमेटी की ओर से नीतीश कुमार को न्योता पत्र दिया गया है. अभी तक नीतीश कुमार की ओर से यह नहीं कहा गया है कि वह 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे या नहीं. लेकिन मान लीजिए कि अगर नीतीश कुमार अयोध्या जाते हैं तो इतना तय है कि लोकसभा चुनाव से पहले राजद और जदयू के बीच जो गठबंधन हुआ है वह लगभग खत्म हो चुका है और नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से बाहर आने का फैसला कर लिया है.

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