अभी-अभी : बिहार सरकार ने किया जमीन दाखिल-खारीज नियम में बड़ा बदलाव, आसानी से होगा काम

राज्य में अब दाखिल खारिज करने में दोगुना वक्त लगेगा. अगर आवेदन सही है और कोई आपत्ति नहीं है तो पहले इस काम के लिए 18 दिन समय तय था लेकिन नई व्यवस्था लागू होते ही यह समय बढ़ कर 35 दिन हो जाएगा.

नई व्यवस्था में आवेदन के बाद जांच से लेकर सभी स्तर तक के कर्मियों के लिए समय सीमा तय कर दी गई है. लिहाजा हर हाल में उन्हें इस अवधि में संचिका का निष्पादन करना होगा. इसी के साथ आवेदन के लिए अपील की समय सीमा भी 60 दिन से बढ़ाकर 75 दिन तक कर दी गई है. बता दें कि राज्य सरकार ने बिहार भूमि दाखिल खारिज नियमावली में एक बार फिर बदलाव कर दिया है. इसके पहले 2012 में बने इस नियमावली का 2017 में संशोधन किया गया था. नई व्यवस्था में कागजातों की जांच केंद्रीयकृत की जाएगी. कागजात सही पाए जाने पर उससे संबंधित सिओ को भेजने के बाद अभिलेख खोला जाएगा. ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज के लिए आवेदन प्राप्त होने पर एसएमएस के माध्यम से आवेदक को टोकन नंबर दिया जाएगा

अंचल स्तर पर केंद्रीयकृत प्रणाली के तहत गठित टीम 3 दिनों के अंदर आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच करेगी. कागजात पूरे होने पर अनुशंसा की रिपोर्ट लगाते हुए सीओ को भेज दिया जाएगा. बता दें कि म्यूटेशन के मामलों को समय से निष्पादन करने के लिए डीसीएलआर और सीओ के काम का भी मूल्यांकन शुरू हुआ तो पता चला कि लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ गई है. प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण समय कम मिलने पर अधिकारी आवेदन को खारिज कर देते हैं. इससे अपील और लंबित मामलों की संख्या बढ़ने लगी थी. जिसके बाद अब दाखिल खारिज के लिए समय सीमा बढ़ाकर 18 से 35 दिन कर दी गई है

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *