अभी-अभी : बिहार के शिक्षकों को 5 बार मिलेगा सक्षमता परीक्षा देने का मौका, बस एक बार पास करना होगा

अभी-अभी इस वक्त की एक बड़ी खबर राजधानी पटना से सामने आ रही है बताया जाता है कि राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बिहार के नियोजित शिक्षकों को पांच बार सक्षमता परीक्षा देने का मौका मिलेगा. नौकरी बचाने के लिए उन्हें बस एक बार पास करना होगा. इससे पहले कहा गया था कि शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करवाने के लिए चार बार परीक्षा का आयोजन होगा. शिक्षकों को तीन बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा और उन्हें एक बार पास होना ही होगा. जो शिक्षक फेल हो जाते हैं उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. लेकिन अब सूत्रों के अनुसार जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार शिक्षकों को पांच बार साक्षमता परीक्षा देने का मौका मिलेगा.

नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के आदेश को चुनौती, पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर

पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार द्वारा निर्गत स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लिए जाने संबंधी नियमावली को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि याचिका के जरिये बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के नियम 3 और 4 को अवैध, भेदभावपूर्ण, अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करार देने का आग्रह किया गया है.

सक्षमता परीक्षा याचिका दायर: याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि याचिका के जरिये उक्त परीक्षा के लिए फॉर्म भरने पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह करते हुए इसके लिए होने जा रही परीक्षा पर रोक लगाने का भी आग्रह किया गया है.

परीक्षा पास करने के लिए मिलेंगे तीन मौके: अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा उक्त आशय का नोटिफिकेशन 26 दिसंबर 2023 को जारी किया है. यह बिहार गजट में भी प्रकाशित है. इसमें कैडर बनाने और दक्षता परीक्षा की बात कही गई है. प्रत्येक शिक्षक को परीक्षा पास करने के लिए तीन प्रयास दिए जाएंगे.

नियोजित शिक्षकों में नाराजगी: बता दें कि बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए 26 फरवरी से सक्षमता परीक्षा होने वाली है. इसका अभी से विरोध शुरू हो गया है. नियोजित शिक्षकों में नाराजगी है. शिक्षक इसे सरकार का तुगलक्की फरमान बता रहे हैं. प्रत्येक शिक्षक को तीन बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा. अगर वे पास नहीं करते हैं तो उनकी नौकरी चली जाएगी. सरकार का यह फरमान कहीं से उचित नहीं है. अगर नियोजित शिक्षक असक्षम है तो उनसे 15- 20 वर्षों से काम क्यों लिया जा रहा था.

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