सुपर-30 के IIT गुरु आनंद कुमार को गौहाटी हाई कोर्ट से राहत, छात्रों ने दायर याचिका लिया वापस

‘सुपर 30’ के आनंद कुमार पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने तल्ख तेवर दिखाये तकरीबन 40 मिनट के इस सुनवाई में आनंद कुमार ने व्यक्तिगत रुप से कोर्ट में न हाजिर होने के लिए कई बार कोर्ट से माँफी माँगी। कोर्ट ने माना कि ये मामला गुवाहाटी उच्च न्यायालय का न होकर पटना का है। कोर्ट को सख्त ऐतराज था कि आनंद ने शिक्षा का बाजार वाद किया। निलय दत्ता ने कोर्ट में आनंद कुमार का पक्ष रखा वही भुक्तभोगी छात्रों की फरियाद अमित गोयल ने रखा।

गरीब मेधा को तराशकर आइआइटी (IIT) में प्रवेश दिलाने के लिए विख्‍यात पटना के ‘सुपर 30’ (Super 30) कोचिंग संस्‍थान के संचालक गणितज्ञ आनंद कुमार (Anand Kumar) इन दिनों अदालती चक्‍कर से परेशान रहे हैं। गुवाहाटी हाईकोर्ट (Gauhati High Court) ने एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान बीते 19 नवंबर को उनपर 50 हजार रुपये का जुर्माना (Fine) लगाया था। साथ ही गुरुवार 28 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट (Court) में पेश होने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता छात्रों ने आनंद पर सुपर 30 के नाम पर ठगी (Fraud) का आरोप लगाया था।

इस मामले में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि यहां से केस की मॉनीटरिंग नहीं की जा सकती। अगर छात्र चाहें तो पटना हाईकोर्ट में फिर से याचिका दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद सुपर-30 के आनंद कुमार के खिलाफ कोर्ट में दायर याचिका छात्रों ने वापस ले ली है।

विदित हो कि आइआइटी गुवाहाटी (IIT Gauhati) के छात्र अविनाश बारो, मनजीत डोले, विकाश दास, और धनीराम ताऊ ने सितंबर 2018 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में पीआइएल दाखिल कर आनंद कुमार पर ठगी का आरोप लगाया। छात्रों के अनुसार 2018 की आइआइटी प्रवेश परीक्षा (IIT Entrance Examination) में आनंद कुमार ने ‘सुपर 30’ के 30 में से 26 छात्रों की सफलता का दावा किया था, लेकिन उन्होंने उन छात्रों के नाम का खुलासा नहीं किया। याचिकाकर्ता छात्रों का आरोप है कि आनंद कुमार ने सुपर-30 के रिजल्ट में गलत किया।

याचिका पर सुनवाई करते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आनंद को 19 नवंबर को उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। उनके वकील ने कोर्ट से समय मांगा, जिससे नाराज होकर कोर्ट ने आनंद पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया तथा 28 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया।

छात्रों ने अपनी याचिका में कहा है कि आनंद कुमार झूठे दावे करते हैं, जिनसे प्रभावित होकर देशभर से बड़ी संख्या में छात्र उनके पास आइआइटी की प्रवेश परीक्षा पास करने का सपना लेकर आ जाते हैं। आनंद उन्‍हें अपने कोचिंग संस्थान ‘रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स’ (Ramanujam School of Mathematics) में दाखिला देते हैं, जहां उनसे 30-30 हजार रुपये की फीस ली जाती है।

छात्रों का आरोप है कि आनंद साल 2008 से ‘सुपर 30’ का संचालन तक नहीं कर रहे, लेकिन हर साल आइआइटी प्रवेश परीक्षा के रिजल्‍ट के बाद इसके सफल छात्रों की लिस्‍ट लेकर सामने आ जाते हैं। दरअसल, ये ‘रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स’ के छात्र होते हैं। जबकि, दावा सुपर 30 के सफल छात्रों का किया जाता है।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बीते साल आनंद कुमार ने दावा किया था कि उनके ‘सुपर 30’ के 30 में से 26 छात्र आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में सफल रहे। हालांकि, उन्होंने इन छात्रों का नाम नहीं जारी किया। वे सुपर 30 के छात्रों की जानकारी रिजल्ट के पहले जारी नहीं करते हैं।

याचिकाकर्ता छात्रों के अनुसार आनंद कुमार गलत प्रचार कर गरीब छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ-साथ पूरे देश को भी धोखा दे रहे हैं। छात्रों की याचिका पर गुवाहाटी होईकोर्ट में न्यायमूर्ति अजय लांबा और एएमबी बरुआ की पीठ सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने आनंद कुमार को अगली सुनवाई के लिए गुरुवार 28 नवंबर को उपस्थित होने का आदेश दिया था।

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