अभी-अभी: मुस्लिम महिलाओं के लिए PM मोदी का बड़ा तोहफा, तीन तलाक बिल पास कर संसद ने रचा इतिहास

PATNA: तीन तलाक बिल को लेकर संसद ने इतिहास रच दिया है।  लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है। अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े। वहीं इससे पहले राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया। राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। 

तीन तलाक बिल 26 जुलाई को इसी सत्र में लोकसभा से पास हो चुका है। मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही तीन तलाक बिल को पारित कराने की कोशिश में जुटी थी। पिछली लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था, जिसके बाद सरकार इसके लिए अध्यादेश लेकर आई थी। इस लोकसभा में फिर से कुछ बदलावों के साथ यह बिल लाया गया था और अब लोकसभा के बाद राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में सरकार सफल रही है।

तीन तलाक की जरूरी बातें- लोकसभा में भी इस बिल पर मतदान के दौरान जेडीयू के सांसदों ने वॉक आउट किया था। लोकसभा में 25 जुलाई को विपक्ष के भारी विरोध के बीच तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पास हो गया था। बिल पर वोटिंग से पहले लोकसभा से जेडीयू, टीआरएस, YSR कांग्रेस और TMC ने वॉकआउट कर दिया था।  जेडीयू, टीएमसी वोट से अलग रहीं, वहीं, बीजेडी ने बिल के पक्ष में वोट किया था। टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस बिल के खिलाफ हैं।  तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है। तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है। पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है।

 

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