केरल से लौटे 1129 मजदूरों से रेलवे ने वसूले 9.87 लाख रुपए, हर मजदूर से लिया 875

लाॅकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से झारखंड पहुंचाने के लिए रेलवे किराया वसूल रहा है। इसका खुलासा सोमवार को केरल से जसीडीह पहुंचे झारखंड के प्रवासी मजदूरों ने किया। संथाल परगना के जसीडीह स्टेशन पर दोपहर 3 बजे पहुंचे 1129 मजदूरों ने ट्रेन का टिकट दिखाते हुए बताया कि रेलवे ने घर वापसी के लिए हर मजदूर से 875 रुपए किराया लिया है।

यानी मजदूरों से 9.87 लाख रुपए किराए के रूप में वसूले गए हैं। मजदूर 1 महीने से बिना नौकरी के केरल में फंसे थे। जिंदा रहने के लिए किसी तरह एक टाइम माड़-भात खाकर दिन गुजार रहे थे। केंद्र सरकार का निर्देश है कि रेलवे टिकट काउंटर नहीं खुलेंगे, इसके बावजूद काउंटर खोले गए और मजदूरों का टिकट काटा गया।

दूसरी ओर, राजस्थान के नागौर से 905 मजदूर सोमवार को ट्रेन से बरकाकाना स्टेशन पहुंचे। उसके बाद उन्हें बसों से उन्हें विभिन्न जिलों में भेज दिया गया। मजदूरों से किराया वसूली के बारे में कोविड-19 रेलवे के झारखंड नोडल अधिकारी रांची रेल मंडल के डीआरएम नीरज अंबष्ठ ने कहा कि मजदूरों से वसूला गया किराया मामला पॉलिसी मैटर है। इसमें हम कुछ नहीं बोल सकते हैं। दो राज्य आपसी समन्वय कर सहयोग मांग रहे हैं।

छात्र और मजदूरों से अाने का नहीं लिया जाएगा किराया: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बाहर से अानेवाले छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं लिया जाएगा। प्रवासी मजदूरों और छात्रों को सुरक्षित घर तक पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनका झारखंड अाना प्रारंभ भी हो गया है।

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