गांधी जी को 100 में जमानत दी जा रही थी और प्रशांत भूषण को 1 रुपये का जुर्माना, फालतू मे सब चिल्लाते हैं

इससे अच्छे दिन और क्या हो सकते है? गांधी जी को 100 रुपये मे जमानत दी जा रही थी और प्रशांत भूषण को महज 1 रुपये का जुर्माना……फालतू मे सब चिल्लाते रहते है

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वकील-कार्यकर्ता प्रशांत भूषण के कोर्ट की अवमानना मामले (Prashant Bhushan Contempt Case:) पर फैसला सुनाते हुए उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया है. फैसले के अनुसार 15 सितंबर तक जुर्माना नहीं दिए जाने की स्थिति में 3 महीने की जेल हो सकती है और तीन साल के लिए उन्हें वकालत से निलंबित भी किया जा सकता है. बता दें कि 63 वर्षीय प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने यह कहते हुए पीछे हटने या माफी मांगने से इनकार कर दिया कि यह उनकी अंतरात्मा और न्यायालय की अवमानना होगी. उनके वकील ने तर्क दिया है कि अदालत को प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की अत्यधिक आलोचना झेलनी चाहिए क्योंकि अदालत के “कंधे इस बोझ को उठाने के लिए काफी हैं.” 

बताते चलें कि 25 अगस्त को जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी ने प्रशांत माफी मांगने से इनकार करने के बाद उनकी सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी सजा के खिलाफ तर्क दिया है. यह देखते हुए कि न्यायाधीश “स्वयं की रक्षा करने या समझाने के लिए प्रेस के पास नहीं जा सकते हैं,” अदालत ने प्रशांत भूषण के की प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए कहा, “अगर इनकी जगह कोई और होता, तो इसे नजरअंदाज करना आसान होता.”

मंगलवार को आखिरी सुनवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, “आप (प्रशांत भूषण) सिस्टम का हिस्सा हैं; आप सिस्टम को नष्ट नहीं कर सकते. हमें एक-दूसरे का सम्मान करना होगा. अगर हम एक-दूसरे को नष्ट करने जा रहे हैं, तो इस संस्था में विश्वास किसका होगा?” 

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