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राज्यभर की परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़ गईं अभ्यर्थी, आरोप लगाया-प्रश्नपत्र की सील टूटी थी

एएन कॉलेज के अंदर हंगामा करने के बाद एसटीईटी की महिला अभ्यर्थियों ने बोरिंग रोड जाम कर हंगामा किया। सड़क पर बैठ कर परीक्षा को रद्द करने की मांग करने लगीं। सड़क जाम की सूचना पर डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद परीक्षा रद्द होने का नोटिस जारी किया गया। रद्द होने की जानकारी के बाद महिलाएं सड़क से हटीं, लेकिन उनकी मांग थी कि पूरे राज्य की परीक्षा रद्द की जाए।

अभ्यर्थी सुरुचि, सौम्या सिन्हा ने बताया कि उन्हें जो प्रश्नपत्र मिला उसकी सील टूटी हुई थी। अर्चना शर्मा ने बताया कि परीक्षा के लिए आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा इसके बाद प्रश्नपत्र की सील टूटी हुई मिली। ओएमआर भी समय पर नहीं मिला। परीक्षा के दौरान कोई कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं था। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा जिस वक्त से शुरू होगी उस वक्त से पूरा समय दिया जाएगा, 7 भी बज सकता है, ऐसे में वो परीक्षा कैसे देती?

अभ्यर्थियों का आरोप है कि पेपर पहले ही लीक हुआ था। एएन कॉलेज में ही कुछ ब्लॉक में परीक्षा चल रही थी, कुछ ब्लॉक में प्रश्नपत्र व ओएमआर नहीं मिला था। एसटीईटी की परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी गुजरात के अहमदाबाद, झारखंड, व अन्य कई राज्यों से आए थे। पैसे और समय बर्बाद होने के बाद कई महिला अभ्यर्थी रोने लगीं। हालांकि इन सभी आरोपों पर बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि यह बिल्कुल ही निराधार बात है। कड़ाई को लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया है।

हंगामे की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट एएन कॉलेज पहुंचे उन्होंने परीक्षा नियंत्रक सुभाष प्रसाद सिंह से बात की। बैठक के दौरान अभ्यर्थी भी अंदर जाना चाहते थे। इस दौरान पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई। महिलाओं ने कहा कि उनके सामने बात की जाए। दोपहर करीब 3 बजे से लेकर शाम साढ़े 5 बजे तक हंगामा होता रहा।

सिटी मजिस्ट्रेट के सामने ही परीक्षा नियंत्रक और प्रश्नपत्र लेकर पहुंचे अधिकारी के बीच बहस हुई। प्रश्नपत्र लेकर पहुंचे अधिकारी का कहना था कि दोपहर 1:30 बजे प्रश्नपत्र रिसीव करा दिया गया है, जबकि परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि 1:45 बजे प्रश्न पत्र आया है। परीक्षा 2 बजे से शुरू होनी थी। इसके बाद अरेंज करने में वक्त लगा। इसके अलावा ओएमआर शीट भी सीरियली अरेंज नहीं था जिससे अभ्यर्थियों को समय पर ओएमआर नहीं मिल पा रहा था।

पटना| एसटीईटी में कठिन प्रश्नों से अभ्यर्थी परेशान रहे। परीक्षार्थियों ने प्रश्नों के कॉम्बिनेशन को लेकर भी सवाल उठाए हैं। शिक्षकों ने भी कहा कि प्रश्नपत्र में सभी विषयों का समावेश ठीक से नहीं किया गया था। वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर गुफरान आलम ने कहा कि प्रश्नपत्र में काॅम्बिनेशन के कारण निराशा हाथ लगी है। विज्ञान के सभी छात्रों से 100 प्रश्न गणित के पूछे गए थे, बायोलॉजी वालों से बायो का सवाल नहीं पूछा गया। सोशल साइंस के स्टूडेंट्स से हिस्ट्री, भूगोल, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स के साथ सभी सब्जेक्ट के प्रश्न पूछे गए। मुख्य विषय में बेहतर नहीं करने से परीक्षार्थी काफी निराश हुए हैं।

वहीं, बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि प्रश्नपत्र काफी बेहतर तरीके से तैयार किया गया है। यह एसटीईटी लेवल का ही है, सब्जेक्ट काॅम्बिनेशन में कोई गलती नहीं हुई है। मामले की जानकारी के बाद एससीईआरटी के अधिकारियों से इस पर चर्चा की गई, पैटर्न के अनुसार ही प्रश्न सेट किया गया है। एसटीईटी का पेपर एससीईआरटी ने ही सेट किया है।

देर से परीक्षा शुरू होने से गुस्साए अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र, ओएमआर, अटेंडेंस शीट को फाड़ डाला। साइंस ब्लॉक से शुरू हुआ हंगामा शताब्दी भवन होते हुए एडमिन ब्लॉक तक पहुंच गया। इस दौरान महिला अभ्यर्थियों ने कक्षाओं में घुसकर जो लोग परीक्षा दे रहे थे उनके प्रश्नपत्रों को फाड़ दिया और ओएमआर व अटेंडेंस शीट को भी लेकर फेंक दिया। हंगामा कर रही महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि 5 लाख परीक्षा के लिए दिए हैं, ऐसे में परीक्षा कैसे छोड़ दें?

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बोरिंग रोड पर नारेबाजी करतीं अभ्यर्थी (ऊपर), जाम में फंसी एक स्कूल की बस और परीक्षा संचालन में लगे अधिकारियों के बीच होती बातचीत।

एसटीईटी के एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट कोड में गलती से दर्जनों अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पाए। मिलर स्कूल में परीक्षा देने आईं अभ्यर्थियों को पेपर 1 की परीक्षा से बाहर कर दिया गया। एडमिट कार्ड में सिर्फ पेपर 2 का विषय और सब्जेक्ट कोड लिखा था। उन्होंने कहा कि एडमिट कार्ड देखकर पता नहीं चला कि गलती है, सुधार के बारे में भी जानकारी नहीं मिली। उनकी मांग थी कि फिर से परीक्षा ली जाए।

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