बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन: कांग्रेस बोली-नीतीश सरकार से मुक्ति चाहते हैं बिहार के लोग

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PATNA : कांग्रेस ने सोमवार को बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन से राज्य में चुनावी अभियान का श्रीगणेश किया। इसकी शुरुआत चंपारण से की गई। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण से लेकर पटना और दिल्ली के मंच से राज्य में सत्ता परिवर्तन का उद्घोष किया गया। दिल्ली के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बने मंच से सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए पार्टी महासचिव और बिहार के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय ने कहा कि राज्य की जनता 15 साल से सत्ता में बैठी मौजूदा सरकार से मुक्ति चाहती है। उन्होंने कहा कि चंपारण की धरती गांधी और माता सीता की है। वहां से अंग्रेज शासन के खिलाफ क्रांति की शुरुआत हुई थी और अब सत्ता परिवर्तन का बिगुल भी इसी धरती से फूंका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अपराध चरम पर है। स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। बिचौलिए किसानों की फसल खरीद रहे हैं। चंपारण की मिलें बंद हो गई हैं।

पूर्वी चंपारण के सम्मेलन को संबोधित करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने आरोप लगाया कि बिहार में महिलाओं संग अत्याचार लगातार बढ़ रहा है। कहा कि जीविका दीदियों ने कोरोना काल में दो करोड़ मॉस्क वितरित किए लेकिन उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल पा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। सिने अभिनेता सह राज्यसभा सांसद राजबब्बर ने आरोप लगाया कि बिहार की जनता परेशान है, लेकिन सरकार झूठी उपलब्धियां गिना रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने कहा कि बीते 15 सालों में राज्य बेपटरी हो गया। कहा कि मनमोहन सरकार में विशेष राज्य का दर्जा मांगने वाले मुख्यमंत्री अब क्यों खामोश हैं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि क्रांति का अर्थ ही बदलाव है। उन्होंने कहा कि इस बार राज्य की जनता किसी छलावे में आने वाली नहीं है। महासम्मेलन संयोजक और प्रभारी सचिव अजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस का नारा ‘बोले बिहार-बदलें सरकार’ अब जनता की आवाज बन चुका है। दूसरे प्रभारी सचिव बीरेंद्र राठौड़ ने कहा कि बिहार की जनता हर हाल में बदलाव चाहती है।

सदाकत आश्रम के मंच से कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने लोगों की अनदेखी की। बिहार बाढ़ और कोरोना की दोहरी विभीषिका से गुजर रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि चंपारण के लोग सत्ता परिवर्तन की इस लड़ाई को आजादी की जंग की तरह लड़ें। अभियान समिति के अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि 15 साल में बिहार की भारी दुर्दशा हुई है। सब उद्योग-धंधे चौपट हो गए। वर्चुअल सम्मेलन के दौरान तकनीकी खराबी के कारण पहले पश्चिमी और फिर पूर्वी चंपारण के नेताओं संग संपर्क टूट गया। ऐसे में वहां के चुनिंदा नेता ही संबोधन दे सके। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि वर्चुअल महासम्मेलनों का विभिन्न माध्यमों से प्रसारण किया गया था। इस आयोजन से सोमवार को साढ़े दस लाख लोगों के जुड़ने का दावा किया। कहा कि कुछ तकनीकी दिक्कतें थीं, आगे यह संख्या और बढ़ेगी।

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