बिहार में सुशाशन सरकार फेल, एटीएम फ्रॉ’ड में देश में बिहार व बड़े शहरों में पटना टॉप पर

एटीएम फ्रॉड में देश में बिहार व बड़े शहरों में पटना टॉप पर

साइबर अ/पराध रोकने के लिए बिहार के 38 जिलों में 76 और पटना में चार यूनिट हैं। इसके बावजूद एटीएम फ्रॉ/ड में देश में बिहार का पहला नंबर है, वहीं देश के 19 बड़े शहरों में पटना टॉप पर है। नेशनल क्रा/इम रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष 2018 के 29 राज्यों, 7 यूटी और 19 मेट्रोपोलिटन सिटी के हर तरह के अ/पराध के आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार एटीएम फ्रॉड की बिहार में 333, महाराष्ट्र में 304 और ओडिशा में 299 वारदातें हुईं।

पटना में 115 एटीएम फ्रॉ/ड हुए। शहरों में दूसरे नंबर पर मुंबई है, जहां 99 मामले दर्ज हुए। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में साइबर अ/पराधियों ने हाजीपुर के गांधी चौक निवासी आकृति राज के खाते में सेंध लगाकर मेघालय के सीएम के रिलीफ फंड में 20 हजार, जबकि असम व केरल के सीएम के फंड में 10-10 हजार रुपए डाल दिए थे। हाजीपुर की पुलिस इस मामले का खुलासा नहीं कर सकी है। सभी तरह के साइबर अ/पराध की बात करें तो इसमें बिहार का स्थान 13वां है और देश के साइबर अ/पराध में बिहार का शेयर मात्र 1.4 फीसदी है। साइबर क्रा/इम में यूपी 23 फीसदी के साथ टॉप पर है। दूसरे स्थान पर कर्नाटक है।

बुजुर्गों के साथ बिहार में 2018 में 424 आ/पराधिक वारदातें हुईं। 2017 में यह आंकड़ा 141 था। यानी 2017 के मुकाबले में 2018 में सीनियर सिटीजन पर भले ही तीन गुना अधिक अपराध हुए पर देश में बिहार 13वें स्थान पर है। महाराष्ट्र बुजुर्गों के साथ अपराध करने में टॉप पर है। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है।
अनुसूचित जाति पर अ/पराध और उ/त्पीड़न मामले में बिहार, उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।

बिहार में 2016 में 5701, 2017 में 6747 और 2018 में 7061 मामले दर्ज हुए। अच्छी बात यह है कि अनुसूचित जाति की महिलाओं पर किसी तरह का अ/पराध बिहार में 2018 में नहीं हुआ है।

हा/दसे में लापरवाही से मौत में हालत बेहतर : सड़क दु/र्घटना में लापरवाही की वजह से मौत मामले में बिहार की हालत बेहतर है। इसमें हमारा स्थान 24वां है। बिहार का आंकड़ा 5.2 प्रतिशत है। इसमें हरियाणा 18.5 फीसदी के साथ टॉप पर है। हिट एंड रन में मौ/त में भी बिहार 24वें स्थान पर हैं। इसमें एमपी टॉप पर है। दूसरे की लापरवाही से सड़क हा/दसे में मौ/त में बिहार 19वें नंबर पर है।

महिलाओं के मामले में 15% बढ़े अ/पराध : 2018 में बिहार में महिलाओं पर सभी तरह के अ/पराधों के 169200 मामले दर्ज हुए, जबकि 2017 में 14711 केस हुए। यानी 2018 के मुकाबले 2018 में बिहार में 15% अधिक अ/पराध हुए। 2016 में यह आंकड़ा 13400 था। बिहार में एक लाख की महिला आबादी पर 29.8% मामले हुए। असम इसमें टॉप पर है।

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