18 साल पहले भटक कर पाक चले गये रामचंद्र, हुई वतन वापसी, नवादा पहुंचने पर खुशी का माहौल

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PATNA : बिहार के नवादा से 18 साल पहले गायब हुआ शख्स पाकिस्तान से मिला है. 18 साल के लंबे अतंराल के बाद जब उसकी घर वापसी हुई तो गांव और घरवालों की खुशी देखते ही बन रही थी. नवादा जिले के काशीचक प्रखंड के रामचंद्र पागलपन का शिकार होकर भटकते-भटतकते पाकिस्तान पहुंच गए थे. बीते 19 अगस्त को पाक रेंजर्स ने रामचंद्र को बीएसएफ की 89 बटालियन सेक्टर गुरदासपुर को सौंपा. 18 वर्ष पूर्व रामचंद्र यादव अपने घर काशीचक थानाक्षेत्र के भवानी बिगहा गांव से मानसिक संतुलन बिगड़ने के बाद वो घर से कही निकल गए थे. उनके घर से निकल जाने के बाद कई सालों तक घरवालों ने ढूंढा मगर इनका कुछ अता पता नहीं चल सका. कुछ दिन पूर्व काशीचक थाने में एक अज्ञात ब्यक्ति की पहचान के लिए गांव वालों को बुलाया, ऐसे में लंबे अरसे के बाद रामचंद्र की घर वापसी हुई.

रामचंद्र को गांव के कई लोगों ने नहीं पहचाना, मगर इनके साथ के सहपाठी और हमउम्र के साथ-साथ भाई ने उन्हें पहचान लिया. फिर उनकी पत्नी सकुन्ती देवी को बुलाया गया तो उसने कहा कि ये उनके भगवान हैं, फिर क्या था पूरे गांव में यह बात फैल गयी कि रामचंद्र जिंदा है और मिल गया है. काशीचक थानाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि बीएसएफ गुरुदासपुर 89 बटालियन की नवादा एसपी को एक चिट्ठी आई जिसमें इस बात का जिक्र था कि वो इसी माह के 5 अगस्त को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पाकिस्तान के में भटक कर पहुंच गया है. बॉर्डर की सुरक्षा में लगे पाकिस्तानी रेंजर ने उनसे पूछताछ किया तो उसने अपना नाम,पिता का नाम एवं गांव का नाम बताया.

इसी आधार पर पाकिस्तानी रेंजर ने गुरदासपुर सीमा पर बीएसएफ के कर्मियों को इनकी जानकारी दी, जहां काशीचक पुलिस ने उनके फोटो और नाम के आधार पर गांव में पहचान कराई तो उनका पता चल सका. इसके बाद काशीचक पुलिस ने बीएसएफ के अधिकारी को रामचंद्र की पूरी जानकारी दी और फिर उनके घर वापसी का रास्ता साफ हुआ. बीएसएफ के अधिकारियों के आदेश आते ही उनका परिवार उन्हें लाने के लिए भारत पाक सीमा के नजदीक ज्ञानगढ़ चौकी के लिए निकले जहां उनके भाई इंद्रदेव यादव,बेटा मिथिलेश यादव औऱ भतीजा कौशल यादव लेने गए. उनके 18 बाद साल घर लौटते ही पूरे गांव मे खुशी का माहौल छा गया, मगर दिमागी हालात ठीक नहीं होने के कारण वो कुछ बता नहीं पाए. रामचंद्र इस सवाल का जवाब भी नही दे पा रहे हैं कि वो 18 साल तक कहां और किस हालत में रहे, मगर इन सब के बीच उनके घर लौटने पर सभी लोग बहुत खुश हैं.

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