बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर हुआ बड़ा फैसला, सभी जिले के DM और SP को आदेश जारी

पंचायत चुनाव में जिस वर्ग के लिए जो सीट आरक्षित है उससे इतर दूसरे वर्ग के प्रत्याशी ने अगर नामांकन कर दिया तो अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने कहा है कि निर्वाची पदाधिकारी इस बिन्दु पर संतुष्ट हो लेंगे कि उनके क्षेत्राधिकार के तहत कौन-कौन निर्वाचन क्षेत्र, वार्ड किस श्रेणी के लिए आरक्षित है। ऐसा न हो कि आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों से अनारक्षित श्रेणी के व्यक्ति नामांकन पत्र भर दें या किसी कोटि विशेष के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से किसी दूसरी आरक्षित कोटि के व्यक्ति अपना नामांकन कर दें। आयोग ने चेताया है कि गड़बड़ी सामने आने पर आयोग ऐसे मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेगा और उत्तरदायी पदाधिकारियों व कर्मियों पर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने यह भी कहा है कि ऐसी गड़बड़ियों के लिए संबंधित निर्वाची पदाधिकारी ही पूर्ण रूप से उत्तरदायी ठहराए जाएंगे। लिहाजा निर्वाचन क्षेत्रों की आरक्षण स्थिति के अनुरूप ही उस कोटि के व्यक्तियों से नामांकन पत्र प्राप्त किया जाएगा। आयोग ने कहा है कि कोई भी अभ्यर्थी किसी पद के लिए दो से अधिक नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सकता है और इसके लिए एक ही नामांकन शुल्क देना होगा। राज्य में पंचायत का चुनाव होना है। जून के पहले तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जानी है। हालांकि मल्टी पोस्ट ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। चुनाव की घोषणा के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चुनाव दस चरणों में संभावित है। करीब 2 लाख 58 हजार पदों के लिए चुनाव होना है।

ईवीएम देने के लिए ईसीआईएल को चाहिए चुनाव आयोग की एनओसी
बिहार में पहली बार ईवीएम से पंचायत चुनाव की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव के लिए पंद्रह हजार मल्टीपोस्ट ईवीएम की जरूरत है। इसके लिए उसने इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) को आॅर्डर भी दे रखा है। लेकिन ईवीएम की आपूर्ति के लिए ईसीआईएल को चुनाव आयोग के एनओसी की दरकार है। यहीं मामला फंसा है। आयोग उसे एनओसी नहीं दे रहा। आयोग चाहता है कि बिहार में उसकी एम-टू मॉडल ईवीएम से चुनाव करा लिया जाए। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग सहमत नहीं है क्योंकि उसे छह पदों के मल्टी पोस्ट ईवीएम चाहिए। ईवीएम पर एनओसी का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होनी है। संभव है इसके पहले दोनों आयोगों के बीच एक दौर की और वार्ता होगी। इसमें अगर मामला सुलझ गया तो बिहार को मल्टी पोस्ट ईवीएम की आपूर्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम से चुनाव कराना चाहता है। इसके लिए उसे मल्टी पोस्ट ईवीएम की जरूरत है। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव की घोषणा फरवरी के अंतिम सप्ताह में होनी थी, लेकिन ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण अभी तक घोषणा नहीं हो पाई है।

क्या है मामला और कहां है फंसा
बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी जारी है, लेकिन चुनाव की घोषणा को लेकर उहापोह की स्थिति है। बिहार में पहली बार यह स्थिति है कि ईवीएम के कारण पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हो पा रहा है। दरअसल चुनाव की तारीख ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पर निर्भर है। एनओसी मिलते ही तारीख का ऐलान होगा। राज्य निर्वाचन आयोग भी इसकी प्रतीक्षा कर रहा है। गौरतलब है कि ईवीएम को लेकर दोनों चुनाव आयोग(राज्य और केन्द्र) के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग भी हो चुकी है लेकिन सहमति नहीं बन पाई है।

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