नीति आयोगा की रिपोर्ट में फिर जीरो बना बिहार, नवाचार सूचकांक में मिला सबसे कम नंबर
नीति आयोग ने गुरुवार को पहला नवाचार सूचकांक जारी किया। इसमें कर्नाटक ने प्रमुख राज्यों में, दिल्ली ने केंद्र शासित प्रदेशों में और सिक्किम ने पहाड़ी राज्यों में पहला स्थान हासिल किया है। यह सूचकांक राज्यों की नवाचार की क्षमता और प्रदर्शन के सतत आकलन के लिए बनाया गया है।
19.06 के स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश प्रमुख राज्यों में सातवें स्थान पर रहा। बिहार और झारखंड क्रमश: 7.99 और 6.20 अंक हासिल करके सबसे पीछे 16वें व 17वें स्थान पर रहे। उत्तराखंड 13.12 अंक के साथ 11 पहाड़ी राज्यों में तीसरे स्थान पर रहा। प्रमुख राज्यों में दूसरे-तीसरे स्थान पर तमिलनाडु व महाराष्ट्र रहे। सूचकांक के निर्माण के लिए पांच सक्षम बनाने वाले पैमानों और दो प्रदर्शन के पैमानों पर राज्यों को परखा गया। सक्षम बनाने वाले पैमानों में मानव संसाधन, निवेश, कारोबार का माहौल, सुरक्षा और कानूनी वातावरण रखे गए थे। ज्ञान के उत्पादन और ज्ञान के प्रसार को प्रदर्शन के पैमानों में रखा गया था।
किसकी क्या रैंक? राज्य स्कोर रैंक : दिल्ली 42.98 01, उत्तर प्रदेश 19.06 07, उत्तराखंड 13.12 03, बिहार 7.99 16, झारखंड 6.20 17
क्या है नवाचार के मायने : इसका मतलब है नई पहल। इसके तहत यह देखा जाता है कि कौन राज्य किस क्षेत्र में और क्यों बेहतर कर रहा है। वहां राज्य के संसाधन, तकनीक और मानव संसाधन के बीच कैसा ताममेल है। इसके लिए उसने किस तरह की मदद ली और उनमें किस तरह की चुनौतियां सामने आईं और उसे कहां तक हल करने में सफल रहा। साथ ही इसका वहां के लोगों पर क्या असर पड़ा। नवाचार में निवेशक, शोधकर्ता और आविष्कारक सभी को एक मंच मिलता है।
देश के सभी राज्यों की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति भिन्न हैं। जब केन्द्र सरकार कोई योजना बनाती है तो कई बार किसी राज्य के लिए वह उतना फायदेमंद नहीं हो पाता जितनी उम्मीद होती है। नवाचार सूचकांक के जरिये राज्यों का मजबूत और कमजोर पक्ष सामने आएगा। इससे जरूरत के मुताबिक नीति बनाने में मदद मिलेगी।
ॉनवाचार सूचकांक में शंकूल (हब या कल्स्टर) की भी चर्चा है। यह एक ऐसी व्यवस्था है जहां किसी वस्तु या सेवा के निर्माण के लिए सभी चीजें बड़ी आसानी से एक ही स्थान पर उपलब्ध होती हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक निर्माण, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी या खाद्य प्रसंस्करण आदि जैसे कई क्षेत्रों में से एक हो सकता है।
ॉदेश में पुणे सभी तरह की शिक्षा के लिए, बेंगलुरु इंजीनियरिंग के लिए और कोटा इंजीनियरिंग-मेडिकल की कोचिंग के लिए देश के प्रमुख हब हैं। इसके लिए सरकार के किसी विशेष प्रयास की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं हैदराबाद को आईटी हब और नोएडा को मोबाइल हब बनाने में सरकार ने काफी प्रयास किए हैं। नवाचार में ये बातें बेहद मायने रखेंगी।
बिहार के बांका में शिक्षा विभाग ने पढ़ाई का एक मॉडल बनाया। इसको देश दुनिया मे पहचान मिली। वहीं लोक शिकायत का अधिकार कानून बनाने वाला पहला राज्य बिहार बना। इसे लोगों की समस्याओं का समाधान तय समय मे हो रहा है। यह अन्य राज्यों के लिए उदाहरण हो सकता है।
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड ने कारोबार आसान करने के लिए कई कानूनों को सरल किया और इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया। एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश मिला और करीब 50 फीसदी पर काम भी शुरू हो गया।