बिहार में बाढ़ का कहर जारी, मौसम विभाग ने बारिश को लेकर किया हाई अलर्ट जारी, सावधान रहें लोग

उत्तर बिहार में झमाझम बारिश के बाद नदियों के जलस्तर में फिर तेजी दिख रही है। उधर, नेपाल में भी पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के कारण कोसी-सीमांचल के जिलों में नदियों का जलस्तर फिर बढऩे लगा है। इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने बिहार में अगले 72 घंट तक के लिए आफत की बारिश का अलर्ट जारी किया है। बुधवार को जगह-जगह बारिश्‍ा शुरू हो जाने के कारण बिहार पर बाढ़ का खतरा फिर मंडराने लगा है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ में अब तक 104 लोगों की मौत डूबने से हुई है। हालांकि, गैर आधिकारिक आंकड़ों पर विश्‍वास करें तो बाढ़ से अब तक 194 लोगों की मौत हुई है। विभागीय जानकारी के अनुसार राज्‍य के 12 जिलों के 1123 पंचायतों में 69.27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बारिश के कारण फिर आने वाली बाढ़ में ये आंकड़े और बढ़ने तय हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर अापद प्रबंधन विभाग ने मधुबनी, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सीतामढ़ी व किशनगंज में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सर्वाधिक 135 एमएम बारिश की आशंका मधुबनी में है। इस बीच नदियों में उफान आना भी शुरू है।

पश्चिम चंपारण में पहाड़ी नदियों में उफान से खतरा बढ़ गया है। सिंगहा नदी पर बना गाइड बांध टूट जाने से रामनगर प्रखंड के दो गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। फगुनहटा गांव के आधा दर्जन घरों में भी पानी घुसा है। लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं।
मसान, सुखौड़ा, कापन, भलुई, सिंगहा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। कई गांवों पर दबाव बढ़ गया है। मसान नदी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई है। सुखौड़ा नदी के जलस्तर बढऩे से प्रखंड के पथरी गांव में पानी घुस गया है। साथ ही दोन क्षेत्र का आवागमन ठप हो गया है। हरिहर पुर गांव के समीप बाढ़ सुरक्षात्मक बांध में दरार आने से ग्रामीण दहशत में हैं।

लक्ष्मीपुर रमपुरवा में गंडक का कटाव जारी है। बराज पर मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। पीपी तटबंध की सुरक्षा को लेकर अभियंताओं को अलर्ट किया गया है। गौनाहा प्रखंड में भी खतरा मंडराने लगा है। मरजदी में हड़बोड़ा के उफान से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं।नरकटियागंज रेलवे यार्ड में बारिश का पानी भरने से करीब चार घंटे तक ट्रैक एक और दो पर परिचालन प्रभावित रहा। लौरिया में ठनका गिरने से मवेशी की मौत हो गई। वहीं, एक गर्भवती झुलस गई। पूर्वी चंपारण में भी नदियां उफान पर हैं।

मधुबनी जिले में नदियां शांत रहीं। सुबह में कई हिस्सों में हल्की व मध्यम वर्षा हुई। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने नरुआर और गोपलखा में चल रहे कमला बलान तटबंध मरम्मत कार्यों को देखा। समस्तीपुर जिले में भी बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि की खबर है। मोरवा में नून नदी में डूबने से एक बालक की मौत हो गई।सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। तटबंधों में आए रेनकट से लोग दहशत में हैं। रुन्नीसैदपुर, पुपरी और बोखड़ा में अब भी लोग बाढ़ से परेशान हैं। सोनबरसा, सुरसंड में नाव के जरिए और कई इलाकों में चचरी पुल बना कर लोग आवागमन कर रहे हैं। सीतामढ़ी शहर समेत कुछ इलाकों में लोग अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। सीतामढ़ी से सटे नेपाल के रौतहट, सर्लाही, धनुषा, महोतरी, बारा और परसा जिले में बागमती समेत दर्जनभर नदियों के उफान के बाद बाढ़ का पानी फैल रहा है।

शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर है। दरभंगा जिले के सदर प्रखंड की आठ पंचायतों, कुशेश्वरस्थान की 14 पंचायतों और कुशेश्वरस्थान पूर्वी की नौ पंचायतों में अधवारा समूह, बागमती और कमला बलान के जलस्तर में वृद्धि जारी है।दरभंगा नगर निगम क्षेत्र में वार्ड दो, आठ, नौ और तीस के निचले इलाकों में पानी में वृद्धि हुई है। बारिश के दौरान गौड़ाबौराम प्रखंड के करकौली गांव में घर की दीवार गिरने से आंगनबाड़ी सेविका की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर जिले के बाढ़ प्रभावित औराई और कटरा में संकट बरकरार है।

गंडक बेसिन में पिछले 24 घंटे के अंदर 145 एमएम तथा कोसी बेसिन में 75 एमएम वर्षापात दर्ज किया गया है। पहाड़ पर हो रही बारिश के कारण कमला व बागमती में भी उफान की आशंका जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल में अगले दो दिन भारी बारिश होने की संभावना है। 26 और 27 जुलाई को सामान्य से अधिक बारिश होगी।

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