सरकारी कर्मचारियों पर बिहार सरकार मेहरबान, बढ़ाई जायेगी रिटायरमेंट की उम्र सीमा, भेजा प्रस्ताव

सरकारी सेवकों की रिटायरमेंट की आयुसीमा 60 साल से आगे बढ़ाई जानी चाहिए : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में सरकारी सेवकों की रिटायरमेंट की उम्रसीमा बढ़ाने की आवश्यकता जताई है। सोमवार को शिक्षा दिवस पर ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि सरकारी सेवकों की सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा 60 वर्ष से बढ़ाई जानी चाहिए। इसके लिए केंद्र को विचार करना चाहिए। वैसे हम इसकी मांग भी करेंगे।

नीतीश ने कहा कि काम की क्षमता रहने पर भी लोग 58 वर्ष में ही रिटायर हो जाते थे। हमलोगों से इस मुद्दे को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के सामने रखा तो उन्हाेंने 60 वर्ष कर दिया। 60 पार लोगों में आज भी काम करने का जज्बा है। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकारी सेवकों को ज्यादा अवसर मिलना चाहिए। सीएम ने साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. केसी सिन्हा व रिटायर्ड चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर प्रेम वर्मा को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र के साथ सवा-सवा लाख रु. का चेक भेंटकर मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया।


सीएम ने कहा कि अब सरकारी स्कूलों में मौलाना आजाद की जीवनी 8वीं कक्षा के सिलेबस में शामिल की जाएगी। समाज निर्माण में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है। देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना आजाद ने महिलाओं की शिक्षा और सशक्तीकरण के लिए बहुत काम किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल से सभी पंचायतों में 12वीं की पढ़ाई होने लगेगी। अबतक करीब 6000 पंचायतों में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोले जा चुके हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ग्रॉस इनरालमेंट रेशियो 13.5% से 30% करना चाहते हैं।

सीएम ने कहा कि आपसी झगड़े से अपराध बढ़ रहे हैं। हमें कटुता छोड़कर भाईचारा रखने की जरूरत है। कुछ आपराधिक मामलों को छोड़ दें तो लोगों के बीच झगड़े की वजह से समस्या हो रही है। हम सब मिलकर नई पीढ़ी के मन में प्रेम का भाव पैदा करें। यही सबसे सच्ची पढ़ाई होगी। कहा कि शिक्षा दिवस समारोह का दायरा बढ़ाया जाएगा।

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