बिहार सरकार का फैसला- प्राइवेट लैब में भी होगी कोरोना जांच, मरीजों को देना होगा 2500 रूपये

राज्य के दो प्राइवेट लैब को जांच की मंजूरी, 2500 रुपये में होगी कोरोना वायरस जांच
बिहार कोरोना जांच अब सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट लैब में भी होगा। बिहार सरकार ने राज्य के दो प्राइवेट लैब को कोरोना वायरस जांच करने की मंजूरी दी है। डॉ. लाल पैथ लैब और पार्थ केयर एंड डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड को कोरोना वायरस की इजाजत दी गई है। यह दोनों प्राइवेट लैब अब लोगों की ना केवल सैंपल ले सकेंगे बल्कि जांच भी करेंगे। रविवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी।

विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार आईसीएमआर द्वारा निजी क्षेत्र की लैब में कोरोना वायरस जांच की अनुमति दी गई है। प्राइवेट लैब में दो चरणों में जांच होगा। पहले स्क्रीनिंग के लिए अधिकतम 1500 रुपए लिया जा सकता है। जांच में पॉजिटव आने के बाद दूसरे चरण के जांच जरूरी होने पर अधिकतम कुल 4500 रुपए भुगतान का निर्धारण किया गया है।

अगर कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं है और यह स्क्रीनिंग से पता चलता है तो उसको सिर्फ 1500 रुपए ही देना होगा। यह सुविधा खर्च करने में सक्षम लोगो के लिए है। विभाग के अनुसार आईसीएमआर ने सिर्फ पहले चरण की जांच के लिए कोई शुल्क निर्धारित नही किया है। ऐसे में प्राइवेट लैब से जांच के इच्छुक व्यक्ति को 4500 रुपये खर्च करना पड़ जा रहा है।

इसलिये विभाग ने विचारोपरांत यह निर्णय लिया है कि 2500 रुपये में कोरोना की जांच इन लैब में करायी जा सकेगी। साथ ही, प्राइवेट लैब को जांच के नमूने सुरक्षित रखने होंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसकी जांच सरकारी लैब में पुन: करायी जा सके। साथ ही, जांच की जानकारी आईसीएमआर के वेबसाइट पर भी देनी होगी। साथ हो, जांच की रिपोर्ट संबंधित जिला के सिविल सर्जन और स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को देनी होगी। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 2500 रुपये से अधिक राशि ली गई और निर्देशो का पालन नही किया गया तो उसे महामारी कानून का उल्लंघन माना जायेगा।

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