पटना मेट्रो में बड़ा बदलाव, बदलेंगे कई स्टेशन, संस्कृति मंत्रालय की आपत्ति

PATNA : पटना मेट्रो रेल की राह बदलेगी। बदलाव का कारण है कुम्हरार का ऐतिहासिक पार्क। इसी पार्क के चलते केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने आपत्ति लगा दी है। पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इस पार्क के निकट से मेट्रो की लाइन नहीं बिछाई जा सकती। इस आपत्ति के बाद अब पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) ने एलाइनमेंट बदलने की कवायद शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी में मेट्रो संचालन का शिलान्यास किया था। यहां दो मेट्रो कॉरीडोर स्वीकृत हुए हैं। पहला दानापुर से मीठापुर तक और दूसरा पटना स्टेशन से न्यू आईएसबीटी तक। मगर दूसरे कॉरीडोर का एलाइनमेंट अब बदलना होगा। राजेंद्र नगर स्टेशन से नालंदा मेडिकल कॉलेज होते हुए मेट्रो को कुम्हरार पार्क के निकट से गुजरना था। यह भारतीय पुरातत्व संरक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारक है। संरक्षित स्मारकों के निकट कोई निर्माण नहीं हो सकता। यही आपत्ति केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा लगाई गई है।

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विभाग की आपत्ति के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर पीएमआरसीएल ने विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल दो विकल्पों पर विचार चल रहा है। पहला विकल्प राजेंद्र नगर स्टेशन से मलाही पकड़ी, खेमनीचक होते हुए बाईपास जाने का है। दूसरा राजेंद्र नगर स्टेशन से नालंदा मेडिकल कॉलेज, भूतनाथ रोड होते हुए बाईपास होकर जीरो माइल पहुंचने का है।

पटना स्टेशन से न्यू आईएसबीटी वाले रूट पर कुम्हरार पार्क और इसके निकट चार और संरक्षित स्मारक होने का हवाला दिया गया है। पहली सलाह तो एलाइनमेंट बदलने की दी गई है। साफ कहा गया है कि यदि निर्माण किया तो सक्षम प्राधिकार की अनुमति लेनी होगी। इसके लिए प्रोजेक्ट की पूरी डिटेल देने के साथ ही उसके साथ पर्यावरणीय प्रभाव के आंकलन की रिपोर्ट, हेरिटेज इम्पैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट भी देनी होगी। इसमें पुरातात्विक प्रभाव, दृश्य प्रभाव, कंपन प्रभाव, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव की स्टडी को शामिल करना होगा। इतनी स्टडी सालभर में भी नहीं नहीं हो सकती।

मेट्रो के दोनों रूट पर कुल 23 स्टेशन हैं। ऐसा इसलिए कि पटना रेलवे स्टेशन पर इंटरचेंज है। इसलिए यहां बनने वाला स्टेशन दोनों रूट में शामिल है। जहां तक दूसरे रूट में बदलाव का सवाल है तो यदि मलाही पकड़ी वाला विकल्प फाइनल होता है तो नालंदा मेडिकल कॉलेज, कुम्हरार और गांधी सेतु स्टेशन नहीं रहेंगे। इनकी जगह मलाहीपकड़ी, खेमनीचक और एक भूतनाथ रोड स्टेशन भी बनाया जा सकता है। मेट्रो के एलाइनमेंट में बदलाव से उसकी लागत पर बहुत असर नहीं पड़ेगा। यदि एक स्टेशन घटता है तो लागत और घट जाएगी।

साभार : राजकुमार शर्मा

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