चपरासी की बेटी का कमाल, अफसर बन नाम किया रोशन, BPSC में 201वां रैंक लाकर बनी रजिस्ट्रार

बिहार: पिता साधारण कर्मचारी, बेटी BPSC में 201वां रैंक लाकर बनी असिस्टेंट रजिस्ट्रार : पटना. बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी (BPSC Toppers) की परीक्षा में इस बार पुरुष के साथ-साथ महिला अभ्यर्थियों ने भी सफलता के झंडे गाड़े हैं. सफल होने वाली लड़कियों में साधारण परिवार से आने वाली अभ्यर्थी भी हैं. ऐसी ही एक महिला अभ्यर्थी हैं पैथोलॉजी स्टाफ सुभाष चंद्र बोस की बेटी श्रुति चंद्र. पटना के एक पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट में लैब इन्स्ट्रक्टर के पद पर तैनात सुभाष की बेटी श्रुति का चयन बीपीएससी सिविल सर्विस (BPSC Final Results) परीक्षा में हुआ है. श्रुति को इस परीक्षा में 201वां रैंक मिला है. उनका चयन असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर हुआ है.

इस सफलता के बाद घर में काफी खुशी है. श्रुति अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जिनका चयन किसी अधिकारी पद के लिए हुआ है. श्रुति की मां रीता कुमारी झारखंड के मधुपुर में प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका हैं. अपनी सफलता पर श्रुति कहती हैं कि सफलता मिलने के बाद काफी अच्छा लग रहा है. घर में सभी लोग खुश हैं. तीसरी बार के प्रयास में बीपीएससी में सफलता मिली है. वैसे वह यूपीएससी सिविल सर्विस की ही मुख्य रूप से तैयारी कर रही हैं. बीपीएससी के लिए अलग से तैयारी नहीं की थी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में यूपीएससी मुख्य परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद साक्षात्कार तक पहुंचीं, लेकिन अंतिम सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बावजूद प्रयास जारी है. श्रुति कहती हैं कि वह अपना रैंक बेहतर करने के लिए बीपीएससी की परीक्षा भी देती रहेंगी.

श्रुति अपनी इस सफलता का श्रेय अपने नाना स्व. रामप्रीत सिंह और नानी फूलबदन देवी को देती हैं. कहती हैं कि जब वो छठवीं क्लास में थी तो मां की नौकरी लग गई, ऐसे में पापा के साथ नाना-नानी का काफी सहयोग मिला. उन्होंने पढ़ने के लिए काफी प्रेरित किया. वैसे मम्मी-पापा भी काफी सहयोग करते रहे. अभी भी पढ़ाई के लिए काफी प्रोत्साहित करते हैं. अपने बारे में श्रुति बताती हैं कि वह अशोक राजपथ स्थित संत जोसेफ कांवेंट स्कूल से 10वीं की. उसके बाद डीपीएस बोकारो से 12वीं की फिर बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया. छह माह गुड़गांव में नौकरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में लग गईं और दिल्ली में रहकर तैयारी कर रही हैं.

श्रुति कहती हैं कि सिविल सर्विस में जाने का उनका खुद का निर्णय था, इसलिए बीटेक अंतिम वर्ष से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. श्रुति का घर पटना के महेंद्रू इलाके में है. उनका एक छोटा भाई है जो बेंगलुरु से डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कर रहा है.

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