चिराग के पक्ष में सौतेली मां, कहा- पारस बाबू को ऐसा नहीं करना चाहिए था, साहब के बाद वही गार्जियन हैं

चिराग पासवान की सौतेली मां राजकुमारी देवी पूरी तरह से उनके पक्ष में आ गई हैं। LJP में टूट के बाद राजकुमारी देवी ने पशुपति पारस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘पारस बाबू को ऐसे नहीं करना चाहिए था। उनको परिवार को साथ लेकर चलना चाहिए था। चिराग को समझा-बुझाकर अपने साथ रखना चाहिए। साहब (रामविलास पासवान) होते तो ऐसा नहीं होता।’

उन्होंने कहा कि साहब की बात दोनों भाई सुनते थे। तीनों भाई में बहुत प्रेम था। तीनों का खाना-पीना-सोना सब कुछ साथ में होता था। पारस बाबू को ऐसा नहीं करना चाहिए था। साहब के बाद वो घर के गार्जियन थे, उनको समझना चाहिए था कि किस तरह से साहब ने पार्टी खड़ा किया था। अभी भी सब मिलकर कर रहे। पारस बाबू को पहले अपने परिवार को बचाना चाहिए था, बाद में पार्टी को देखना चाहिए।

टूट के बाद पहली बार सामने आईं पासवान की पहली पत्नी

LJP में टूट के बाद रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी पहली बार सामने आई हैं। राजकुमारी देवी खगड़िया के शहरबन्नी गांव में अपने पुश्तैनी घर में रह रही हैं। राजकुमारी देवी ने बताया कि जब से इस खबर को सुनी हैं, उनकी तबीयत खराब हो गई। पशुपति पारस को ऐसा नहीं करना चाहिए था।

राजकुमारी देवी ने कहा- चिराग मेरा बेटा है, वो मेरे जीवन का सहारा है। साहब के बाद चिराग पार्टी को अच्छे से चला रहा था। पारस बाबू को उसके साथ रहना चाहिए था। हम तो कहेंगे कि पारस बाबू और चिराग एक साथ आ जाएं और पार्टी को एक साथ चलाएं।

चिराग को कहा- माफ कर दो : राजकुमारी देवी स्थानीय भाषा में चिराग पासवान से कहा कि बेटा, यदि गलती भी हो जाए तो किसी को माफ कर देना चाहिए। बाबू मिल जाओ, लोग हंसेंगे। जैसे साहब नाम कमाए, वैसे ही तुम लोग भी नाम करो।

पारस के हाथों में LJP के बागी गुट की कमान : गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। गुरुवार शाम एलजेपी कार्यालय में इसकी औपचारिक घोषणा हुई। पार्टी की कमान संभालते ही पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा। यह प्रजातंत्र है, कोई आजीवन अध्यक्ष नहीं रह सकता

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