समस्तीपुर से चिराग की पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं प्रिंस राज, दोनों भाई के बीच मंथन शुरू

PATNA- राजनीति में ना तो कोई किसी का दोस्त होता है और ना ही कोई दुश्मन। यही कारण है कि कई बार नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़कर राजद से दोस्ती कर चुके हैं तो कई बार राजद को धोखा देकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं। कुछ ऐसा ही इन दिनों बिहार की राजनीति में रामविलास पासवान परिवार के ​साथ दिखने को मिल सकता है। सूत्रों की माने तो चिराग पासवान ने अपने छोटे भाई को उनके टिकट पर समस्तीपुर से लोक सभा का चुनाव लड़ने का आफर किया है। बताया जाता है कि चिराग पासवान अभी भी अपने परिवार को एक करने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं मीडिया में तो उन्होंने यहां तक बयान दे दिया है कि पापा के जाने के बाद पशुपति पारस उनके गार्जियन है। जो भी फैसला होना है वह अब उनको लेना है। बहरहाल अगर चाचा को छोड़कर प्रिंस राज अपने भैया चिराग पासवान के साथ आ जाते हैं तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी। देखना दिलचस्प होगा कि समस्तीपुर में क्या कुछ होता है।

पशुपति कुमार पारस गुट को बड़ा झटका दे सकते हैं चिराग पासवान, टच में LJP के 2 सांसद, बढ़ी सियासी हलचल : लोक जनशक्ति पार्टी (पारस) यानी RLJP की पटना में आज महत्वपूर्ण बैठक आयोजित है. यह बैठक पशुपति पारस की अध्यक्षता में होगी और इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा कि लोक सभा का चुनाव पार्टी अकेले लड़ेगी या फिर महागठबंधन के साथ. बताया जा रहा है कि इसमें यह भी फैसला हो जाएगा कि चिराग पासवान के खिलाफ हाजीपुर से पशुपति कुमार पारस चुनाव अकेले लड़ेंगे या फिर महागठबंधन के साथ. वहीं, इस बीच पारस गुट में बिखराव की खबरें भी साथ-साथ ही आ रही हैं. दरअसल, मंगलवार को दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक में प्रिंस राज और चंदन सिंह जैसे सांसद शामिल नहीं हुए थे. तभी से ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और विकल्प की तलाश में हैं.

बताया जा रहा है कि महागठबंधन में पशुपति पारस को ज्यादा भाव नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि पारस गुट की आज की बैठक अब मंथन में बदल गई है. ऐसे में पारस को महागठबंधन की ओर से भी तरजीह नहीं मिलते देख एलजेपी सांसद चंदन सिंह ( सूरज भान सिंह के भाई) अपने राजनीतिक भविष्य की तलाश में जुटे हैं.

बताया जा रहा है किसूरजभान सिंह लगातार आरजेडी के संपर्क में हैं और अगर पशुपति पारस को महागठबंधन में तरजीह नहीं मिलती है तो सूरजभान आरजेडी के साथ जाने की तैयारी कर सकते हैं. बता दें कि पशुपति पारस को जब एनडीए से बाहर का रास्ता दिखाने के संकेत मिल रहे थे, तब सूरजभान सिंह अपने भाई चंदन सिंह को बीजेपी के साथ लाने की पूरी कोशिश भी किये थे. वो चाहते हैं कि बीजेपी से टिकट मिल जाय, लेकिन उसमे चिराग आड़े आ रहे हैं.

यहां यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे में बिहार में पशुपति पारस को बड़ा झटका लग चुका है. उन्हें एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली. इतना ही नहीं पशुपति के भतीजे और चाचा से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले चिराग पासवान को 5 लोकसभा की सीटें मिल चुकी हैं. इन सबके बीच वैशाली सांसद वीणा देवी और खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर भी पशुपति पारस से अलग होकर चिराग के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.

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