EXCLUSIVE : आज तक TV का दावा- कोरोना टेस्ट पर झूठ बोल रही है मोदी सरकार और ICMR

एंटीजन टेस्ट की पोल ‘आज तक’ ने अपनी एक रिपोर्ट में खोली है और ये भी बताया है कि ICMR कितना झूठा है ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने 4 अगस्त को पहली बार खुलासा किया कि ‘भारत में कोरोना के जितने टेस्ट हो रहे हैं, उनमें से 25-30 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं’ लेकिन सच यह है कि जिन राज्यों में संक्रमण ज्यादा था वहा दरअसल यह 50 प्रतिशत से भी ज्यादा एंटीजन टेस्ट किये जा रहे है

आज तक तो आज लिख रहा है यह बात अपनी 29 जुलाई की पोस्ट में पहले ही लिख चुका हूँ कि भारत मे जो कोरोना की बढ़ती हुई टेस्टिंग की संख्या बताई जा रही है वह इसी रैपिड एंटीजन टेस्ट के ही कारण है.दरअसल एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी होता है लेकिन दिल्ली सरकार ने माना है कि 2.62 लाख में से 0.5% का ही दोबारा टेस्ट हुआ है दिल्ली में 19 जून के बाद रोज जितने टेस्ट हो रहे हैं, उनमें से 60% से ज्यादा एंटीजन टेस्ट हो रहे, ये टेस्ट आरटी-पीसीआर के मुकाबले कम भरोसेमंद है लेकिन इसके बावजूद धड़ाधड़ रैपिड एंटीजन टेस्ट किये गए…. ओर निगेटिव निकलने वालों का RT PCR ही नही किया गया……..

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जब रैपिड एंटीजन टेस्ट के नतीजे नकारात्मक हैं तो इस टेस्ट को क्यों कराया जा रहा है। दिल्ली के सीरो सर्वे में पता चला है कि 22.86 प्रतिशत से अधिक आबादी कोविड-19 से पीड़ित हुई है। पीठ ने कहा दिल्ली सरकार इस स्थिति में रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ कैसे आगे बढ़ सकती है, जबकि इसकी गलत निगेटिव रिपोर्ट आने की दर बहुत अधिक है। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने पर्सनल इंटरेस्ट लेकर एक एक राज्य के मुख्यमंत्री की क्लास लगाकर यह बोला है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या लगातार बढ़ाओ.

अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट के नतीजे इतने गलत आ रहे हैं कि हाईकोर्ट को बीच में आना पड़ रहा है तो सवाल यह है कि ऐसे गलत टेस्ट करवाए क्यो जा रहे है. क्या भारत की मोदी सरकार पर यह दबाव है कि चाहे गलत हो या सही हो आपको रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाने ही होंगे? क्योकि ICMR ने पिछले हफ्ते ही मायलैब की स्वदेशी एंटीजन टेस्ट किट को अनुमति दी है….. जब पध्दति ही गलत है तो यह मंजूरी ही क्यो दी जा रही है…….

-Girish Malviya

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