दुर्गा मां की श’व को मुस्लिम बेटो ने दिया कंधा, किया अंतिम सं’स्कार, कहा‘- वह पूरे गांव की माय थी

दुर्गा मां और शंकर की अर्थी, असलम और जाहिद का कंधा

द्रौपदी इंदौर के एक मुहल्ले में रहती थीं. वे बुजुर्ग थीं और मुहल्ले के बच्चे उन्हें दुर्गा मां कहकर पुकारते थे. दुर्गा मां कुछ दिनों से बीमार थीं. इसी मुश्किल दौर में जब कोरोना वायरस दुनिया भर में तमाम जिंदगियां लील रहा है, जब लोग किसी के नजदीक जाने से डरते हैं, दुर्गा की मौत हो गई. दुर्गा के दो बेटे हैं लेकिन वे कहीं और रहते हैं. बेटों को बुलाया गया. बेटे आए तो सही, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि मां का अंतिम संस्कार कर सकें. (फोटो इंदौर की है.)

लेकिन दुर्गा तो सिर्फ दो बेटों की मां नहीं थीं. वे मुहल्ले की दुर्गा मां थीं. बेटों की मजबूरी समझ आने पर मुहल्ले के असलम भाई, अकील भाई, मुदस्सर, राशिद इब्राहिम, इमरान सिराज ने अपने दोस्तों को ​बटोरा. आपस में मिलकर पैसे इकट्ठे किए. अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की. दुर्गा मां का कोई रिश्तेदार और हिंदू समाज से कोई नहीं आया था. इन्हीं लड़कों ने अपनी दुर्गा मां की अर्थी को कंधा दिया.

इस घटना की चर्चा हो गई तो असलम ने कहा कि हमने कोई बड़ा काम नहीं किया है. यह तो हमारा फर्ज था. जब हम बच्चे थे तो उनकी गोद में खेला करते थे. वे हमारे लिए मां जैसी ही थीं.ऐसा ही पिछले हफ्ते यूपी के बुलंदशहर में हुआ. लॉकडाउन के दौरान बुलंदशहर में एक हिंदू परिवार में बुजुर्ग शंकर की मौत हो गई. अर्थी को कंधा देने के लिए उनके परिवार का कोई मौजूद नहीं था. परिवार को सूचना दी गई लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई पहुंच नहीं पा रहा था. आसपास की आबादी मुसलमानों की थी.

यह बात आसपास के मुस्लिमों को पता चली. वे तुरंत बुजुर्ग के घर पहुंचे. जाहिद अली और अन्य मुस्लिम युवकों ने अर्थी को कंधा दिया, श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया. देखने वाले हैरान थे कि हिंदू को मुसलमान कंधा दे रहे हैं और राम नाम सत्य है का उच्चारण भी कर रहे हैं.

यह वही समय है जब दुनिया भर में महामारी फैली है, इसने करीब एक लाख लोगों को लील लिया है, और ऐसे समय भारत में इस महामारी के लिए मुसलमानों को दोषी ठहराने का अभियान चल रहा है, उसी दौरन में तमाम आम लोग हैं जो मानवता को बचाने में लगे हैं. यह दुनिया हमेशा ऐसे ही प्रेम, सौहार्द और सद्भाव से चली है, ऐसे ही चलती रहेगी.

-Krishnakant

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *