बिहार में शिक्षा विभाग का अजीब आदेश, पहले मृ’त शिक्षकों को बनाया परीक्षक, फिर किया ये काम

Patna: बिहार में शिक्षा विभाग की लापरवाही कहें या खामी बढंते ही जा रही है. इस बार शिक्षा विभाग का अजीब आदेश आया है. मृ’त शिक्षकों को परीक्षक बना दिया. हद तो तब हो गई, जब ज्‍वाइन नहीं करने पर सस्‍पेंड भी कर दिया. मामले पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

दरअसल, बेगूससराय में जिला शिक्षा विभाग से 28 फरवरी को एक आदेश निकाला गया, जिसमें जिला परिषद के अंतर्गत आने वाले चार दर्जन से अधिक शिक्षकों को निलंबित करने की अनुशंसा जिला परिषद नियोजित इकाई से की गई थी. उसके क्रमांक 15 पर अप्रगेड इंटर स्कूल शालीग्रामी के नियोजित शिक्षक रंजीत कुमार यादव का नाम अंकित है. जबकि उनका नि’धन 15 अक्टूबर 2018 को ही हो चुका है. फिर भी इंटर के मूल्यांकन कार्य में उनकी ड्यूटी बीपी इंटर महाविद्यालय बेगूसराय भाग- 1 में लगा दी गई. योगदान नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने का आदेश भी जारी कर दिया गया.

तो वहीं बेगूसराय में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व दुनिया को अलविदा कह चुके एक शिक्षक को इंटर की कॉपी जांच के आदेश दिए गए हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, कॉपी जांच में योगदान नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने का भी फरमान जिला शिक्षा विभाग से जारी किया गया है. ऐसा ही मामला बांका का है. बांका में दिवंगत शिक्षक हैदर को परीक्षक बना दिया गया था. इसकी सूचना आम होते ही लोगों में इसकी चर्चाएं गरम हो गई हैं.

उधर इस संबंध में डीईओ देवेंद्र कुमार झा ने बताया कि बोर्ड से प्राप्त सूची के आधार पर कार्रवाई की गई है. अभी तक इसकी जानकारी नहीं थी. अब जानकारी मिली है. उसमें सुधार करवा लेते हैं. दूसरी ओर, बेगूसराय का यह मामला थमा भी नहीं था बिहार के बांका जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. बांका में दिवंगत शिक्षक हैदर को भी इंटर की कॉपियों के मूल्‍यांकन के लिए परीक्षक बना दिया है. बताया जाता है कि हैदर का भी नि’धन तीन साल पहले हो गया है. बहरहाल, शिक्षा विभाग का यह आदेश हास्‍यास्‍पद बना हुआ है.

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