जगन्नाथ मिश्रा का विवादों से रहा है गहरा नाता, चारा घोटाले में जा चुके हैं जेल

जगन्नाथ मिश्रा का विवादों से भी नाता रहा है। 30 सितंबर 2013 को चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उनको भी दोषी ठहराया गया था। उन्‍हें 4 साल की जेल के साथ 200,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस मामले में उनको स्वास्थ्य कारणों से बेल मिल गया था। उनके जेल से बाहर आने के बाद कई तरह के सवाल भी उठे थे।

जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था, लेकिन उनकी रूचि शुरू से ही राजनीति में रही। जगन्नाथ मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर की बाद में उन्होंने राजनीति की ओर रुख कर लिया। कहा जाता है कि जगन्नाथ मिश्रा को राजनीति विसारत में ही मिली थी। उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्रा राजनीति का बड़ा नाम थे वह रेलमंत्री भी रहे।

जगन्नाथ मिश्रा नौकरी में रहने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सम्मिलित हुए थे। पार्टी में अपनी सक्रिय के चलते कुछ दिनों बाद ही उनकी गिनती भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं में होने लगी।

साल 1975 में जगन्नाथ मिश्रा ने पहली बार बिहार की संभाली। वहीं दूसरी बार साल 1980 में जगन्नाथ बिहार के मुख्‍यमंत्री बने। साल 1989 से 1990 तक उन्होंने बिहार की तीसरी बार कमान संभाली। इसी के साथ ही उन्होंने 90 के दशक में केंद्र की राजनीति में भी शिरकत की और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी बने।

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