मंत्री पद बंटवारे से हो गया फैसला, बिहार में जदयू है एनडीए सरकार का बड़ा भाई, भाजपा छोटा

जदयू कोटे के मंत्रियों के विभागों का कुल बजट, भाजपा कोटे के मंत्रियों के विभागों की तुलना में 43830.65 करोड़ रुपए अधिक है। जदयू कोटे के मंत्रियों के विभागों का कुल बजट 107348.66 करोड़ का है। भाजपा कोटे के मंत्रियों के विभागों का कुल बजट 63517.97 करोड़ का है। विभागों के बजट का हिसाब निकालने में हमने हम के संतोष कुमार सुमन के विभाग को जदयू और वीआईपी के मुकेश सहनी के विभाग को भाजपा कोटे में रखा है। देखिए पूरा विवरण हूबहू।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग अपने कर्तव्य को पूरी गंभीरता से निभाएंगे। पुनः जो जिम्मेदारी मिली है, उसको आगे बढ़ाने, पूरा करने के लिए हमलोगों को पूरी कोशिश करनी है। सबको मिलकर फिर से बिहार की और प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए। वह मंगलवार को जदयू कार्यालय में नेता अाैर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। पार्टी कार्यालय पहुंचे जदयू के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद, अन्य जनप्रतिनिधियों व नेता-कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए आभार जताया। राजस्थान से निर्दलीय सांसद मोहन भाई डेलवर, राजस्थान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेश सिंह चौहान, कर्नाटक जदयू के प्रदेश अध्यक्ष महिमा पाटेल, कर्नाटक जदयू लीगल सेल के एडवाइजर दीपक नारद एवं कार्यकर्ता धनंजय ने नीतीश कुमार को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, डॉ. अशोक चौधरी, मेवालाल चौधरी, शीला कुमारी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह, पूर्व मंत्री संजय झा सहित अन्य नेता मौजूद थे।

तीन विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला| एनडीए के 125 सदस्य हैं। इनमें जदयू के 43, भाजपा के 74, हम व वीआईपी के 4-4 विधायक हैं। इस हिसाब से जदयू के 14 (हम सहित) और भाजपा के 22 विधायक (वीआईपी सहित) मंत्री बन सकते है। कैबिनेट विस्तार में कहां कितनी वैकेंसी |मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू के 6 मंत्री हैं। सहयोगी ‘हम’ को भी 1 जगह मिल चुकी है। जदयू में अब 7 और मंत्री बन सकते हैं। भाजपा के 7 मंत्री हैं। सहयोगी ‘वीआईपी’ को 1 बर्थ मिली गई है। भाजपा अपने 14 विधायकों को मंत्री बना सकती है।

विभाग आधे-आधे तो मंत्री भी आधे-आधे | जिस तरह जदयू व भाजपा ने सदस्य संख्या दरकिनार कर आधे-आधे विभाग बांटे हैं उसी प्रकार मंत्रिपरिषद में भी आधे-आधे का फार्मूला बना तो कैबिनेट विस्तार में जदयू के 11 व भाजपा के 10 और विधायक मंत्री बन सकेंगे।

{मुकेश सहनी : पशु व मत्स्य संसाधन-1178.92 करोड़- चुनौती : मछली उत्पादन बढ़ाना। मुर्गी, बकरी और गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए कारगर रणनीति। किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढ़ना।

{राम सूरत कुमार : राजस्व व भूमि सुधार-937.94 करोड़, विधि-915.71 करोड़- चुनौती : सर्वे-सेटलमेंट को सार्थक अंजाम देना, ताकि भूमि विवाद को वास्तविकता में जीरो टॉलरेंस का स्वरूप दिया जा सके। ऑनलाइन व्यवस्था को और दुरुस्त करना।

{रामप्रीत पासवान : पीएचईडी-5856.45 करोड़- चुनौती : आर्सेनिक समेत आधे बिहार के अन्य प्रदूषित क्षेत्रों में शुद्ध जल मुहैया कराना। हर घर नल का जल के साथ 12 महीने पूरे राज्य में शुद्ध जल की सप्लाई की व्यवस्था कराना।

{जीवेश कुमार : श्रम संसाधन-869.52 करोड़, पर्यटन 283.63 करोड़, खान भूतत्व 53.51 करोड़- चुनौती : बालू की किल्लत खत्म करना, कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण के साथ कीमत को नियंत्रित रखना। अन्य खनिज की संभावनाओं का पता लगाना।

{मंगल पांडेय : स्वास्थ्य 10937.68 करोड़, कला, संस्कृति 169.27 करोड़, पथ निर्माण 6706.11 करोड़ चुनौती : कोरोना, डेंगू और चमकी बुखार पर नियंत्रण। नया गांधी सेतु और पटना रिंग रोड का निर्माण शुरू कराना। बने स्टेट हाईवे और एमडीआर के साथ पुल-पुलियों का 100 फीसदी मेंटेनेस सुनिश्चित कराना।

{अमरेंद्र प्रताप सिंह : कृषि 3152.81 करोड़, गन्ना उद्योग-118.95 करोड़, सहकारिता 1168.38 करोड़ चुनौती : किसानों को समय पर खाद और गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराना। बीज की कमी दूर कराना। अधिक लाभ वाले खासकर बागवानी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाना। फसल का लाभकारी मूल्य दिलाना।

{रेणु देवी : पंचायती राज 10615.21 करोड़, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण 1659.96 करोड़, उद्योग 915.85 करोड़
चुनौती : अगले वर्ष शांतिपूर्ण तरीके से पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव कराना। नल-जल और गली-नाली योजनाओं को पूरा कर उनका सही मेंटेनेंस कराना।

{वित्त 5211.66 करोड़, आपदा प्रबंधन 4443.81 करोड़, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन 638.93 करोड़, सूचना प्रावैधिकी 273.52 करोड़, नगर विकास एवं आवास 7213.72 करोड़, वाणिज्य कर 196.43 करोड़
चुनौती : वित्तीय स्थिति को दुरुस्त करना। कोरोना के कारण केंद्र से भी कम राशि मिलने की उम्मीद है। पटना मेट्रो का निर्माण यथाशीघ्र शुरू कराना। सभी नगर निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की माकूल व्यवस्था करना।

{संतोष सुमन : लघु जल संसाधन-1199.09 करोड़, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण-1724.81 करोड़
चुनौती : एससी-एसटी को समाज की मुख्यधारा में लाने के जारी प्रयास को और रफ्तार देना, जिससे शासन की यह प्राथमिकता कायदे का मुकाम पाने जैसा दिखे। योजनाओं की तल्ख मॉनीटरिंग करना।

{शीला कुमारी : परिवहन-372.69 करोड़
चुनौती : राज्य के अंदर और बाहर बस सेवा को बेहतरीन बनाना। डीटीओ ऑफिस को दुरुस्त करना। वाहनों को प्रदूषण का वाहक बनने से रोकना। शहरों में सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देना।

{मेवालाल चौधरी : शिक्षा-35191.05 करोड़
चुनौती : प्राथमिक स्कूल से लेकर कॉलेजों तक में शिक्षकों की नियुक्ति करना। नियोजित शिक्षकों की मांग का समाधान निकालना। शिक्षा, खासकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना।

{डॉ.अशोक चौधरी : भवन निर्माण 5395.72 करोड़, समाज कल्याण 7994.35 करोड़, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-336.50 करोड़, अल्पसंख्यक कल्याण 532.24 करोड़
चुनौती : सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सभी स्ट्रीम में फैकल्टी बहाल करना। पॉलिटेकनिक कॉलेजों में भी पढ़ाई के सभी संसाधनों के साथ परमानेंट लेक्चरर की बहाली करना।

{विजेंद्र प्रसाद यादव : ऊर्जा 5560.17 करोड़, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण 1594.44 करोड़, मद्य निषेध उत्पाद व निबंधन 280.48 करोड़, योजना एवं विकास-2110.56 करोड़
चुनौती : हर खेत को पानी। पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, सौर ऊर्जा का अधिकतम विस्तार। खाद्य सुरक्षा योजना के 8.71 करोड़ लाभुकों को हर समय पर पीडीएस से अनाज दिलाना।

{विजय कुमार चौधरी : ग्रामीण कार्य 10638.89 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग 15955.29 करोड़, संसदीय कार्य 2.30 करोड़, जल संसाधन 4053.61 करोड़, सूचना एवं जनसंपर्क-238.18 करोड़
चुनौती : लंबित सिंचाई और बाढ़ परियोजनाओं को पूरा करना। संवेदनशील इलाकों में तटबंध विहीन नदियों पर तटबंध का निर्माण। केंद्र सरकार के माध्यम से नेपाल के साथ विवाद खत्म करने की पहल।

{सामान्य प्रशासन 743.35 करोड़, मंत्रिमंडल सचिवालय-510.50 करोड़, गृह-12083.50 करोड़, निगरानी-42.72, निर्वाचन- 797 करोड़
सदन की कुल सदस्य संख्या के अधिकतम 15% सदस्य मंत्री बन सकते हैं। इस हिसाब से 243 विधायकों वाले सदन में मुख्यमंत्री समेत सत्ताधारी गठजोड़ के 36 सदस्य मंत्री बन सकते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *