घर-घर जाकर झाडू मारने का काम करती थी मां बेटा बना IAS अफसर, पहले बीटेक फिर पास किया UPSC

सड़क पर झाड़ू लगाने वाली महिला के बेटे का कारनामा, रोजी-रोटी के लिए किया ये काम, फिर बीटेक और अब UPSC किया क्रैक!

एक मां के लिए उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहता है, जब उसका बेटा ऐसा कारनामा कर दे, जिसकी कभी उम्मीद ही नहीं थी. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के ठाणे शहर में सड़क पर झाड़ू लगाने वाली महिला कर्मचारी की, जिनके 32 वर्षीय बेटे प्रशांत सुरेश भोजाने ने यूपीएससी की परीक्षा पास करके ऑफिसर बन गए हैं. उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में 894वीं रैंक मिली है. प्रशांत को हमेशा से ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को पास करने का सपना था.

वर्ष 2015 में प्रशांत ने अपने सपने को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया था, जब उन्होंने पहली बार परीक्षा दी थी. इसके बाद आखिरकार नौवें प्रयास में वह यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में सफल रहे. उनकी इस उपलब्धि से खरतन रोड स्वीपर्स कॉलोनी के निवासियों और परिवार में खुशी का महौल बन गया था. इसके बाद लोगों ने रात जश्न मनाने के लिए जुलूस निकाला. कुछ स्थानीय राजनेताओं ने भी इसमें भाग लिया.

सड़कों पर झाड़ू लगाने का काम करती थी मां
प्रशांत की मां ठाणे नगर निगम (TMC) में स्वीपर के रूप में काम करती हैं, जबकि उनके पिता सिविक बॉडी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की, लेकिन उस क्षेत्र में नौकरी करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि आईएएस अधिकारी बनना हमेशा से उनका सपना था. प्रशांत ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा में बैठने के दौरान उन्होंने वर्ष 2020 में दिल्ली में एक प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग सेंटर में काम करना शुरू किया, जहां उन्हें छात्रों के मॉक परीक्षा के पेपर चेक करने का काम दिया गया था. उन्होंने कहा, “इस तरह मैं पढ़ाई के साथ-साथ अपनी आजीविका भी पूरा किया करता था.”

उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता अक्सर उनसे परीक्षा देना बंद करने और घर लौटने के लिए कहते थे, लेकिन उन्हें विश्वास था और दृढ़ निश्चय था कि वह एक दिन अपना लक्ष्य को पूरा करेंगे. वह बताते हैं कि जब मैं यूपीएससी परीक्षा में बैठ रहा था, तो मेरे माता-पिता चुपचाप सब कुछ सह रहे थे, लेकिन अब इसका फल उन्हें मिल गया है. उनके पिता सुरेश भोजने ने कहा कि वह अपने बेटे को यूपीएससी परीक्षा पास करते देखकर बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, “पहले मैं चाहता था कि मेरा बेटा नौकरी करे, लेकिन अब हमें लगता है कि उसने जो फैसला किया था, वह बिल्कुल सही था.”

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