बिहार के 30 लाख किसानों के साथ केंद्र सरकार का धोखा, नहीं मिली सम्मान निधि की किस्त

राज्य के करीब तीस लाख किसान पीएम सम्मान योजना की पहली किस्त से वंचित हो गये। इस योजना में 31 मार्च तक आवेदन करने वाले लगभग 42 लाख किसानों में 12 लाख को ही पहली किस्त के रूप में दो हजार रुपये मिले। शेष किसानों को भी यह राशि देने के राज्य सरकार के आग्रह को केन्द्र ने सिर्फ इसलिए ठुकरा दिया कि चुनाव के कारण इनका आवेदन देर से भेजा गया।

किसान सम्मान निधि योजना के तहत छह हजार रुपये की राशि केन्द्र सरकार सालभर में तीन किस्तों में किसानों को दे रही है। योजना की शुरुआत इसी वर्ष फरवरी में हुई थी। हालांकि इसे दिसम्बर 2018 से ही प्रभावी माना गया। मार्च में वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाता है। लिहाजा किसानों को पिछले वित्तीय वर्ष की एक किस्त की राशि मिलनी थी। लोकसभा चुनाव के कारण मार्च में ही आचार संहिता लग गई। लिहाजा आवेदनों की जांच प्रभावित हो गई। मात्र सात लाख 90 हजार आवेदन ही केन्द्र को भेजे जा सके।

आचार संहिता के पहले केन्द्र ने मात्र दो लाख 29 हजार किसानों को ही राशि का भुगतान किया। राज्य के आग्रह पर केन्द्र ने उसके पास पहुंच चुके सात लाख 90 हजार किसानों पर सहमति तुरंत दे दी, लेकिन राज्य सरकार का आग्रह था कि न सिर्फ चुनाव के तुरंत बाद तक भेजे गये लगभग 12 लाख आवेदनों को केन्द्र स्वीकार करे, बल्कि राज्य सरकार के पास जिन 42 लाख किसानों का आवेदन पहुंच चुका है, उनके लिए भी कुछ समय दे। केन्द्र ने 12 लाख आवेदनों को स्वीकार कर उनकी गत वर्ष की राशि भेज दी, लेकिन शेष 30 लाख किसानों का मामला फंस गया।

45 लाख किसानों ने किये थे आवेदन : राज्य सरकार का तर्क था कि उस समय तक 45 लाख किसानों ने आवेदन किया था। लगभग तीन लाख आवेदन रद कर दिये गये। शेष 42 लाख किसानों का आवेदनों के सत्यापन चुनाव के कारण समय पर नहीं हो सके। लिहाजा वे पहली किस्त के हकदार हैं। राज्य के इस तर्क पर केन्द्र ने चुप्पी साध ली। इससे लाखों किसान पहले किस्त से वंचित रह गये।

आंकड़े की नजर में योजना’ : 6000 रुपये सालाना मिलने हैं किसानों को ’ 2000 रुपये हर चार महीने पर मिलते हैं किसानों को’ 12 लाख किसानों को ही गत वित्तीय वर्ष की एक किस्त मिली ’ 42 लाख किसानों ने 31 मार्च के पहले किये थे आवेदन

नुकसान : 600 करोड़ की लगी चपत राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द्र सरकार ने साध ली चुप्पी ’ आचार संहिता के पहले केन्द्र ने सिर्फ दो लाख 29 हजार किसानों को ही राशि भेजी

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