आठ मार्च को है महाशिवरात्री,इन 11 सामग्री से प्रसन्न होते हैं महादेव, महाशिवरात्रि पर जरूर चढ़ाएं

इन 11 सामग्री से प्रसन्न होते हैं महादेव, महाशिवरात्रि पर जरूर चढ़ाएं : हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. साल 2024 में फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी. इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा विशे। पूजा अराधना की जाती है. इस दिन शिवजी के साथ पूरे शिव परिवार की पूजा होती है. दिन से लेकर रात तक पूरे चार पहर महाशिवरात्रि के दिन भगवान की पूजा के लिए मंदिर के कपाट खुले रहते हैं. भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं. उनका ह्रदय अत्यंत कोमल होता है. अगर सच्चे मन और निस्वार्थ भाव से उनकी पूजा की जाए को भगवान अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनते हैं. 

भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि से शुभ दिन कोई नहीं हो सकता. इस बार महाशिवरात्रि मंगलवार 8 मार्च 2024 को पड़ रही है. महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की विशेष पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. आइये जानते हैं महाशिवरात्रि पर पूजा में चढ़ाने वाली शुभ 11 सामग्री क्या है.

11 चीजें हैं शिवजी को प्रिय-

जल-शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव ही स्वयं जल है. विष पीने के बाद जब शिवजी का कंठ नीला पड़ गया था तो सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित कर शीतलता प्रदान की थी. इसलिए शिवजी की पूजा में जल चढ़ाने का महत्व है.

बेलपत्र– तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिवजी को चढ़ाना शुभ माना जाता है. ये बेलपत्र या बिल्वपत्र शिवजी के तीन नेत्रों का प्रतीक माना जाता है.

आकंड़ा-एक आंकड़े के फूल से भोलेनाथ की पूजा बेहद शुभ माना गया है.

धतूरा– भोलेनाथ को धतूरा अत्यंत प्रिय है.पुराणों के अनुसार जब शिवजी ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पी लिया था तो उनकी व्याकुलता शांत करने के लिए उन्हें भांग धतूरा बेल आदि जैसी सामग्री औषधियों के रूप में दी गई थी.

भांग-शिवजी हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं. भांग उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मददगार होती है. इसलिए शिवलिंग पर भांग जरूर चढ़ाएं

कर्पूर– कर्पूर के साथ भगवान की पूजा करना शुभ और पवित्र माना जाता है. इसकी सुगंध महादेव को पसंद है.

दूध– शिवलिंग पर दूध से जलाभिषे करने का विधान है. इसलिए पूजा में शिवलिंग को दूध से जलाभिषेक जरूर करें.

अक्षत– अक्षय या चावल शिवजी की पूजा में चढ़ाएं. लेकिन इस बाता जरूर ध्यान रखें कि चावल टूटे ना हों. वरना पूजा का फल नहीं मिलता.

चंदन– चंदन का संबंध शीतलता से होता है. शिवजी को चंदन चढ़ाने से समाज में मान-सम्मान बढ़ता है.

भस्म-एक कथा के अनुसार पत्नी सती ने जब स्वयं को अग्नि के हवाले कर दिया तो क्रोधित शिव ने उसकी भस्म को आखिरी निशानी मान तन से लगा लिया.

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