रोजगार देने में FLOP रही मोदी सरकार, बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा, विकास दर भी घटी

PATNA : केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी है जो 45 साल में सर्वाधिक है। वहीं वित्त वर्ष 2017-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक विकास दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 पर आ गई है।

लीक आंकड़ों की तसदीक : आम चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर जो रिपोर्ट लीक हुई थी शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों में उसकी पुष्टि हो गई। आंकड़ों के मुताबिक देश में वित्त वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर कुल कार्यबल की 6.1 फीसदी रही है। आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा।

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आर्थिक वृद्धि छह फीसदी के नीचे : केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबकि, वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद महज 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा। वहीं, पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो ये आंकड़ा 6.8 फीसदी पर रहा। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान आर्थिक विकास दर 7.2 फीसदी पर रही है।

किसानी में परेशानी : सबसे ज्यादा गिरावट कृषि क्षेत्र में देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि की रफ्तार पांच फीसदी थी, जो वित्तवर्ष 2018-19 में घटकर महज 2.9 फीसदी पर रह गई। साथ ही खनन क्षेद्ध में भी विकास दर 5.1 फीसदी से घटकर 1.3 फीसदी रह गई है। .

जानकारों का कहना है कि देश में निजी निवेश में सुस्ती के चलते अर्थव्यवस्था को रफ्तार नहीं मिल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए रिजर्व बैंक जून की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में ब्याज दरें घटाने का फैसला ले सकता है।

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