बिहार-झारखंड में RSS का होगा विस्तार, पटना में मोहन भागवत ने बनाया मास्टर प्लान

बिहार और झारखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन विस्तार पर काम करेगा। यही नहीं, सुदूर इलाकों में भी संघ की शाखाएं लगे, इसके लिए कार्ययोजना बनाकर उसपर काम होगा। संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक में इन विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। संघ बिहार-झारखंड में सेवा कार्य और राष्ट्रवाद के मूलमंत्र पर काम करता रहेगा। बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के अलावा सर कार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, दत्तात्रेय होशबोले, मनमोहन वैद्य और मुकुन्द भी मौजूद थे। बैठक शनिवार को भी जारी रहेगी। इसमें बिहार-झारखंड से संघ के 40 वरीय कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।

कोरोना संक्रमण को लेकर संघ की शाखाएं बंद हैं और संगठन का काम भी सीमित दायरे में ही हो पा रहा है। यह बड़ी चुनौती है। इसी को लेकर संघ नए सिरे से कार्ययोजना बना रहा है। प्रचारकों को भी नई जिम्मेवारी सौंपी गई है। वे अपने संपर्कों को और व्यापक बनाकर संघ के संगठनात्मक विस्तार में अहम भूमिका निभाएंगे।

भागवत यहां शुरू हुई अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) की क्षेत्र स्तर की दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. यह बैठक पटना शहर में मिर्चा-मिर्ची रोड पर स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित की जा रही है. बैठक का समापन रविवार को होगा. उन्होंने कहा, ‘‘सरसंघचालक की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में तीन मुद्दे एजेंडे पर थे. इसमें देशभर में कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर चर्चा की गई. इसके अलावा इस बात पर भी विचार-विमर्श हुआ कि कोविड-19 महामारी के दौरान समाज ने किस तरह से अपना योगदान दिया और स्वयंसेवकों की प्रतिक्रिया क्या थी और उनके (स्वयंसेवकों) प्रति समाज की प्रतिक्रिया क्या थी.’’

पांडेय ने बताया, ‘‘इसके अलावा इस अवधि के दौरान स्वयंसेवकों का अनुभव क्या था.’’ उन्होंने बताया कि इस वर्ष एबीकेएम की बैठक दीपावली के आसपास उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसका आयोजन नहीं हो सका था. उन्होंने बताया कि बदलते परिदृश्य में आरएसएस ने एबीकेएम की अपनी बैठक का आयोजन एक स्थान पर राष्ट्रीय स्तर पर करने के बजाय क्षेत्र-स्तर पर करने का फैसला किया. पांडेय ने बताया कि आरएसएस ने देश को संगठन और इसके कार्यों के सुचारू संचालन के लिए 11 क्षेत्रों में विभाजित किया है. उत्तर पूर्व क्षेत्र में बिहार और झारखंड राज्य शामिल हैं.

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