लोकसभा में पास हुआ NIA संशोधन बिल, विधेयक खिलाफ पड़े मात्र 6 वोट

लोकसभा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक 2019 (NIA Bill 2019) पारित हो गया। अब यह बिल राज्यसभा में भेजा जाएगा। प्रस्ताव के पक्ष में 278 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 6 वोट पड़े। विधेयक पर लाए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया गया। इससे पहले चर्चा के दौरान सरकार ने कहा कि देश को आतंकवाद के खतरे से निपटना है, ऐसे में एनआईए संशोधन विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय जांच एजेंसी को देशहित में मजबूत बनाना है।

गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक 2019 को चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि इसके पारित होने से एनआईए को मजबूती मिलेगी और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों की वह विदेश जाकर भी जांच कर सकेगी।

उन्होंने कहा कि इस बिल के पास होने से जांच एजेंसी को हथियारों की तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और साइबर क्राइम जांच संबंधी मामलों को देखने के लिए ज्यादा अधिकार मिल गए हैं। एनआईए को इस तरह के मामलों की जांच का अधिकार देकर देशहित में उसकी भूमिका को अहम बनाया गया है।

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वहीं राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण संशोधन विधेयक (NIA) 2019 पर लोकसभा में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने धर्म का जिक्र किया और एनआईए कानून का दुरूपयोग किये जाने के विषय को भी उठाया। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि मोदी सरकार की एनआईए कानून का दुरूपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है और इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिय उपयोग किया जायेगा।

अधिनियम की धारा 3 की उपधारा 2 का संशोधन करके एनआईए के अधिकारियों को वैसी शक्तियां, कर्तव्य, विशेषाधिकार और दायित्व प्रदान करने की बात कही गई है जो अपराधों के अन्वेषण के संबंध में पुलिस अधिकारियों द्वारा न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी प्रयोग की जाती रही है। इसमें भारत से बाहर किसी अनुसूचित अपराध के संबंध में एजेंसी को मामले का पंजीकरण और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अधिनियम के अधीन अपराधों के विचारण के मकसद से एक या अधिक सत्र अदालत, या विशेष अदालत स्थापित करें।

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