नीतीश कुमार से ज्यादा ‘घटिया’ व्यक्ति आजतक भारत की राजनीति में आया नहीं होगा

GIRISH MALVIYA : नीतीश कुमार से ज्यादा घटिया किस्म का व्यक्ति आजतक भारत की राजनीति में आया नहीं होगा। सांसद मोहन डेलकर जिनकी बॉडी कल संदिग्ध परिस्थितियों में मुंबई के एक होटल में मिली है वह अक्टूबर 2020 में JDU में शामिल हुए थे. नीतीश कुमार ने उनके लिए एक श्रध्दांजलि का ट्वीट तक करना उचित नहीं समझा
जबकि नवम्बर 2020 में मोहन डेलकर ने दादर एंव नागर हवेली के स्थानीय चुनाव में नीतीश कुमार के साथ मिलकर जेडीयू से गठबंधन किया था.

माना जाता है कि उनका जेडीयू को समर्थन दिए जाने की वजह से भाजपा को दादर और नागर हवेली के इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था मोहन डेलकर के समर्थन से जेडीयू ने दादरा और नगर हवेली जिला पंचायत पर कब्जा कर लिया. इस पर 2015 से कांग्रेस का शासन था. जेडीयू ने 20 में से 17 सीटों पर कब्जा किया भाजपा को सिर्फ तीन सीटें ही मिलीं.

एक नई जानकारी के मुताबिक, मोहन डेलकर पिछले हफ्ते जेडीयू के नेताओं से मिले थे. उन्होंने नेताओं से दादरा और नगर हवेली के हालात पर चर्चा की थी. वो सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को लेने मुंबई आए थे और 23 फरवरी को सांसदों को अपने साथ ले जाना था. शर्म की बात है कि अब तक JDU के उनकी अचानक हुई मृत्यु की जांच की मांग तक भी नहीं उठाई है.

दादर नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत या आत्महत्या? जानें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या आया सामने : दादर और नगर हवेली से सांसद मोहन सांझीभाई डेलकर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण साफ हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद मोहन की मौत फांसी पर लटकने के बाद दम घुटने से हुई। बता दें कि सात बार के सांसद मोहन का शव सोमवार को मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल में मिला था।

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि डेलकर 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ कर गए हैं जिसे गुजराती भाषा में लिखा है। यह चिट्ठी उन्होंने अपने आधिकारिक लेटरहेड पर लिखी है। हालांकि, चिट्ठी में लिखा क्या है इसपर पुलिस ने अभी चुप्पी साध रखी है।

खबर के मुताबिक, सांसद ने संभवतः सोमवार सुबह आत्महत्या की। बता दें कि सोमवाप दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर सांसद मोहन के ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने सबसे पहले उनका शव देखा था। पुलिस को अभी ड्राइवर और बॉडीगार्ड के बयान भी रिकॉर्ड करने हैं।

सांसद मोहन का शव मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए उनकी विसरा को फॉरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।

खबर के मुताबिक, डेलकर के ड्राइवर ने जब सोमवार को होटल कमरे का दरवाजा खटखटाया तो उसे कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद ड्राइवर ने डेलकर को फोन किया जो किसी ने उठाया नहीं। इसके बाद ड्राइवर ने दादर और नगर हवेली में डेलकर के परिवार को इस बारे में जानकारी दी। परिवार ने ड्राइवर को होटल स्टाफ से कहकर कमरा खुलवाने को कहा। हालांकि, दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह से खुल नहीं सका।

किसी तरह ड्राइवर कमरे की बालकनी से अंदर घुसा तो उसे सांसद का शव फांसी से लटका मिला। उन्होंने शॉल से फांसी लगाई थी।

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