एक्शन में नीतीश कुमार, फिर से बनेगा पटना का ड्रेनेज सिस्टम, शुरू हुआ जल-जीवन-हरियाली अभियान

फिर से बनेगा पटना का ड्रेनेज सिस्टम, मुख्यमंत्री ने शुरू किया जल-जीवन-हरियाली अभियान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना के ड्रेनेज सिस्टम पर फिर से काम होगा, ताकि जलजमाव न हो और अगर ज्यादा बारिश से ऐसी नौबत आए भी, तो पानी तुरंत निकल जाए। अभी प्राथमिकता पानी निकालने की है। फिर, हम देखेंगे कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? कहां चूक रही, कौन जिम्मेदार है? सब पंपिंग सेट चालू है। काफी ड्रेनेज है। पानी जल्द निकल जाएगा।

मुख्यमंत्री, बुधवार को ‘गांधी विचार समागम’ में बोल रहे थे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को रोकने के मकसद से जल-जीवन-हरियाली अभियान को शुरू किया। जलवायु परिवर्तन के चौतरफा असर और इसको रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण का हवाला दिया। कहा- मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी फेल हो जा रही है। बड़े हिस्से में सूखे की नौबत रही। फिर अत्यधिक बारिश हो गई। कई जिले प्रभावित हुए।

पटना के कई घरों में पानी घुस गया। लोगों को भारी परेशानी हुई है। पानी निकल रहा है। राहत, बचाव हो रहा है। यह स्थिति स्थायी हल चाहती है। बहुत मायनों में यह लायक पर्यावरण से संभव है। हम सबको पर्यावरण का संरक्षण करना होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- ‘हमको डुबाने के लिए जिसको जो करना है करे, लेकिन हम जनता की सेवा करते रहेंगे; महात्मा गांधी के सपनों का समाज बनाते रहेंगे। हम प्रचार के लिए काम नहीं करते। गांधी जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएंगे। 10 से 15 प्रतिशत युवा भी गांधी जी के संदेश को आत्मसात कर लें, तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ जाएगा। कभी कम तो कभी बहुत अधिक बारिश से खेती और जनजीवन को नुकसान हो रहा है। जल-जीवन- हरियाली अभियान की शुरूआत की जा रही है। यह सभी पंचायतों में 26 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। गंगा के पानी को पीने योग्य बना कर लोगों के उपयोग में लाया जाएगा।’ वह बुधवार को ज्ञान भवन में 150 वीं गांधी जयंती पर गांधी विचार समागम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अभियान की भी शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी तालाबों और सार्वजनिक कुंआ को कब्जामुक्त कर जीर्णोद्धार किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में सघन पौधारोपण कराया जाएगा। अभी राज्य में हरित पट्टी 17 प्रतिशत है। इसे और बढ़ाना है। पहाड़ी व ऊंचे इलाकों में जल संचय के लिए चेक डैम आदि बनाए जाएंगे। 11 बिंदुओं पर जल-जीवन- हरियाली अभियान चलेगा। यह तीन साल में पूरा होगा। राज्य सरकार अपने कोष से इस योजना पर 24 हजार करोड़ खर्च करेगी। हर गांव और शहर के लोगों को जागरूक किया जाएगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *