ममता बनर्जी ने PM मोदी को चिट्ठी लिखकर प्रमुख सचिव को दिल्ली भेजने से किया इनकार

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के बीच टकराव अब पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव की शक्ल ले चुका है. सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 पन्नों की चिट्ठी लिखकर कहा कि वह “एकतरफा आदेश” से “हैरान और स्तब्ध” हैं, जिसमें बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार उन्हें “रिलीज नहीं” कर रही है.

चिट्ठी में ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को 3 महीने का एक्सटेंशन देने के बाद दिल्ली बुलाए जाने के फैसले पर दोबारा सोचने के लिए अनुरोध किया है.

उन्होंने पत्र में कहा है “पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं. यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व और पूरी तरह से असंवैधानिक है.”

चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि, “पश्चिम बंगाल सरकार इस गंभीर समय में मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती, ना ही उन्हें कार्यमुक्त कर रही है.”

ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से कहा, “मैं आपसे विनम्र अनुरोध करती हूं कि अपने फैसले को वापस लें और पुनर्विचार करें. व्यापक जनहित में तथाकथित आदेश को रद्द करें. मैं पश्चिम बंगाल की जनता की ओर से आप से अंतरात्मा से और अच्छी भावना से काम करने की अपील करती हूं.”

उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि इस नए आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है।”

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