अभी-अभी : पटना में झमाझम बारिश शुरू, बाढ़ क्षेत्र में हालत बद से बदतर

अभी अभी पटना में झमाझम बारिश शुरू होने से जहां एक ओर लोग राहत की सांस ले रहे हैं वहीं बाढ़ क्षेत्र में लोगों को जन जीवन प्रभावित हो रहा है। कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके पास रहने के लिए प्लास्टिक तक नहीं है।

कई विस्थापितों को नहीं मिली राहत, सामुदायिक किचेन की व्यवस्था के बाद भी भोजन से वंचित : दरभंगा कमला-बलान नदी की बाढ़ से घनश्यामपुर की हालत बद से बदतर होती जा रही है। तटबंध के टूटान होकर निकल रहा पानी घनश्यामपुर की गांव को डुबो रहा है। बाढ़ का रौद्र रूप देखकर लोग सहम जाते हैं। बाढ़ का तांडव लगातार चौथे दिन बुधवार को भी जारी रहा। पानी की तेज बहाव तथा लगातार जलजमाव से घरों के गिरने का सिलसिला जारी है।

बाढ़ की भयावहता के सामने शुरू हुआ सहाय्य कार्य बौना साबित होने लगा है। कई सौ विस्थापितों के बीच राहत सामग्री अबतक नहीं पहुंच पायी है। किरतपुर प्रखंड का जिला तथा अनुमंडल मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। शिवनगरघाट रसियारी पीडब्लूडी सड़क पर नरमा गांव के शिवा मोईन के पास बाढ़ का पानी ऑवरटॉप कर जाने से घनश्यामपुर का जिला तथा अनुमंडल मुख्यालय से सड़क संपर्क किसी भी क्षण बंद हो सकता है। अधिकांश सड़कें डूबी हुई हैं। नाव की कमी के कारण बाढ़ पीड़ित जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। .

जयदेवपट्टी, तुमौल, कुमरौल, बुढ़ेब, घनश्यामपुर, लगमा, गनौन, पाली, बाऊर, नवटोलिया, कनकी मुसहरी आदि गांव की हालत नाजुक बतायी जाती है। कई सौ लोग बाढ़ में अब भी फंसे हैं जबकि सैकड़ों विस्थापित कमला-बलान पूर्वी तथा पश्चिमी तटबंध सहित ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं।

इस वर्ष की बाढ़ ने प्रखंड में बहुत बड़े पैमाने पर तबाही मचायी है। बाढ़ की विभीषिका तथा पीड़ितों की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से दी जा रही सहाय्य सामग्री ऊंट के मुंह में जीरा का फोड़न साबित हो रहा है। बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खरीफ की फसल के साथ साथ पारंपरिक खेती, मछली पालन, मखाना उत्पादन आदि चौपट हो गयी है। सबसे बुरी हालत दिहाड़ी मजदूरों की है जिन्हें बाढ़ के कारण कोई काम नहीं मिल रहा है। मजदूरी के अभाव में अन्न के लाले पड़े हैं।

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