राम मंदिर को लेकर मुस्लिम समाज में जश्न का माहौल, कहा-जो हुआ अच्छा हुआ

मनीषा भल्ला| समय दोपहर 12 बजे। मुंबई के मलाड से सटा मुस्लिम बहुल इलाका मालवाणी। यहां 4 कंपनियां लगाई गई है। हरी मस्जिद के पास चाय पी रहे असलम बताते हैं कि 1992 में ढांचा ढहाए जाने के बाद यहां दंगे हुए थे, लेकिन अब शांति है। पीलिया की देसी दवा देने वाले मो. अफजल बताते हैं, “अच्छा हुअा, इतने सालों की दुविधा खत्म हुई।’ बांद्रा ईस्ट के भारतनगर की खातून शेख बताती हैं कि इस झगड़े काे 27 साल हो गए। अब थक गए हैं। बांद्रा ईस्ट के बाद मोहम्मद अली रोड और भिंडी बाजार मुंबई के ऐसे इलाके हैं, जहां वर्ष 1992 में दंगे हुए थे। भिंडी बाजार और मोहम्मद अली रोड 99% मुस्लिम बहुल इलाका है। बीते दो जुमा की नमाज से तमाम तंजीमाें ने मस्जिदों में ऐलान किया था कि फैसला चाहे जाे आए, काेई प्रतिक्रिया नहीं करेगा।

गोधरा सहित पूरे गुजरात में शांतिपूर्ण माहौल रहा। लोग अपने राेजमर्रा के कामाें में व्यस्त रहे। रेलवे ने स्टेशन सहित अपने कार्यक्षेत्र में पुख्ता इंतजाम किए थे। संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैगमार्च हुआ। पुलिस की विशेष टीम सोशल मीडिया पर निगरानी रखे रही। पंचमहाल जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. लीना पाटिल ने बताया कि बॉर्डर विंग सहित अतिरिक्त पुलिस बल के सहयाेग से भी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रही। गोधरा के पार्षद याकूब तपेली ने कहा कि फैसले का स्वागत करते हैं। यह मंदिर-मस्जिद विवाद को तिलांजलि देने का समय है। इसका मूल्यांकन करने की बजाय स्वागत करना चाहिए। मध्य गुजरात मुस्लिम सेवा समाज के उप-प्रमुख रफीक तिजोरीवाला ने कहा, ‘आशा है अब सरकार रोजगार, विकास, अर्थव्यवस्था पर ध्यान देगी।’

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