गरीबी में बीता है बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र नाथ शास्त्री का बचपन, घर में एक टाइम का खाना भी नहीं था

बागेश्वर धाम वाले बाबा की कहानी: कभी एक वक्त का खाना मिलना था मुश्किल, फिर पलटी पं.धीरेंद्र शास्त्री की किस्मत : मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर चर्चा में हैं। इस वक्त वह बिहार में हुनमान कथा कर रहे हैं। पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा शुरू होने से पहले ही बिहार सरकार में मंत्री और लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने उन्हें धमकी दे डाली थी। हालांकि, तेज प्रताप की धमकी के बावजूद 10 लाख से ज्यादा लोगों ने पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शिरकत की। भारी भीड़ को देखते हुए पं. शास्त्री को दिव्य दरबार कैंसिल भी करना पड़ा था। खैर, आज हम आपको पं. धीरेंद्र शास्त्री की कहानी बताएंगे। बताएंगे कि ये आखिर पं. धीरेंद्र शास्त्री हैं कौन? बागेश्चर धाम क्या है? क्या सच में पं. धीरेंद्र शास्त्री के पास कोई दिव्य शक्ति है? आइए समझते हैं…

छतरपुर के पास एक जगह है गढ़ा। यहीं पर बागेश्वर धाम है। यहां बालाजी हनुमान जी का मंदिर है। हर मंगलवार को बालाजी हनुमान जी के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ती है। धीरे-धीरे इस दरबार को लोग बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे। ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है।

1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था। 1987 के आसपास यहां एक संत बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज आए। इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धाम के मौजूदा प्रमुख पं. धीरेंद्र शास्त्री भगवान दास जी महाराज के ही पौत्र हैं।

इसके बाद 1989 के समय बाबा जी द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया। 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के भक्त इस दरबार से जुड़ने लगे। दावा होता है कि यहां आने वाले लोगों की समस्याओं का निवारण किया जाता है।

अब पं. धीरेंद्र शास्त्री के बारे में जान लीजिए
अभी बागेश्वर धाम की बागडोर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास है। पं. धीरेंद्र का जन्म 1996 में छतरपुर (मध्य प्रदेश) जिले के गड़ागंज गांव में हुआ था। इनका पूरा परिवार अभी भी गड़ागंज में ही रहता है। पं. धीरेंद्र शास्त्री के दादा पं. भगवान दास गर्ग भी इस मंदिर के पुजारी रहे। कहा जाता है कि पं. धीरेंद्र का बचपन काफी कठिनाई में बीता। जब वह छोटे थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि एक वक्त का ही भोजन मिल पाता था। पं. धीरेंद्र शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और मां सरोज गर्ग है। धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज हैं। वह भी बालाजी बागेश्वर धाम को समर्पित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पं. धीरेंद्र शास्त्री ने 11 साल की उम्र से ही बालाजी बागेश्वर धाम में पूजा पाठ शुरू कर दी थी। पं. धीरेंद्र शास्त्री के दादा ने चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से दीक्षा ली थी। इसके बाद वह गड़ागंज पहुंचे थे।

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