अखिलेश यादव ने मायावती और बीजेपी को दिया झटका, 7 बागी विधायक सपा में शामिल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को बसपा और बीजेपी को झटका दिया है। लखनऊ सपा मुख्यालय पहुंचे बसपा के 6 बागी विधायक और एक भाजपा विधायक ने सपा की सदस्यता ली। सभी बागी विधायकों को अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान अखिलेश ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। भाजपा के एक विधायक शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा पार्टी का नारा बदल देंगे। मेरा परिवार भाजपा परिवार की जगह नारा बदल के नाम होगा मेरा परिवार भागता परिवार रख देंगे। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं किए। समाजवादियों का मानना है कि जो कांग्रेस है वही भाजपा है जो भाजपा है वही कांग्रेस है।

चार बार विधायक व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हरेंद्र मलिक ने करीब 20 साल बाद शुक्रवार को एक बार फिर लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में वापसी की है। उनके साथ दो बार के पूर्व विधायक पंकज मलिक, चरथावल के पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिल्ले हैदर समेत काफी संख्या में जिले के कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़कर सपा की सदस्यता ली। पार्टी में शामिल होने के अवसर पर हरेंद्र मलिक ने अपने संबोधन में कांग्रेस को बंजर और सपा को उपजाऊ भूमि की उपमा दी।

शुक्रवार को सर्व समाज एकता दल के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप ने सपा को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। गोवर्धन मथुरा के पूर्व प्रमुख विनोद चौधरी तथा लखनऊ के कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हैदर कांग्रेस छोड़कर आज समाजवादी पार्टी के सदस्य बन गए। बसपा छोड़ कर मुजफ्फरनगर के पूर्व प्रत्याशी लोकसभा जिल्ले हैदर तथा बलरामपुर के पूर्व विधायक राम सागर अकेला ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। राष्ट्रीय जलवंशीय क्रांति दल के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र निषाद, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र साहनी, सर्वजन समता पार्टी के अध्यक्ष आदेश कश्यप, अभय समाज पार्टी के अध्यक्ष पुरूषोत्तम निषाद, अखंड जलवंशीय सेना के अध्यक्ष अजय कश्यप तथा एकलव्य सेना के उम्मेद सिंह कश्यप, कश्यप तुरैहा समिति के रामेश्वर दयाल, केवट आर्मी के बबलू बिन्द, जलवंशीय समिति के जितेन्द्र निषाद, निषाद मल्लाह समिति के शंकर निषाद, निषाद सेना के मुकेश निषाद तथा आजमगढ़ सेवा संस्थान के संजय निषाद ने भी समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की।

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