बिहार के सरकारी शिक्षकों को देना होगा शपथ पत्र, ना तो कोचिंग चलाएंगे, ना किसी कोचिंग में पढ़ाएंगे

विगत कुछ महीनों से बिहार का शिक्षा विभाग चर्चा में बना हुआ है जब से शिक्षा विभाग में के के पाठक की नियुक्ति हुई है तब से नए नए आदेश जारी हो रहे हैं. मानो पूरा शिक्षा सिस्टम ही बदल सा गया हो. अब अगर आप किसी स्कूल जाएंगे तो समय से आपको ना सिर्फ टीचर बल्कि बच्चे भी स्कूल में दिख जाएंगे. सही ढंग से एमडीएम पकाया जा रहा है. क्लास रूम में बच्चों के लिए अच्छी रोशनी की व्यवस्था की गई है. इसी बीच अब खबर आ रही है कि बिहार के सरकारी शिक्षकों को एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें इस बात का ऐलान किया जाएगा स्कूल संचालन के दौरान वे ना तो खुद का कोचिंग सेंटर चलाएंगे और ना ही किसी दूसरे के कोचिंग में पढ़ाने जाएंगे. आइए डिटेल में जानते हैं क्या है पूरा मामला…

दरभंगा समाहरणालय सभागार में डीएम राजीव रौशन की अध्यक्षता में सोमवार को शिक्षा विभाग की बैठक हुई। इसमें शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में सभी सरकारी शिक्षकों से शपथ पत्र लेने का निर्देश दिया गया। शपथ पत्र में यह उल्लेख रहेगा कि वे न तो कोचिंग चलाएंगे और न ही किसी कोचिंग में पढ़ाएंगे।

जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों का सर्वे करने का भी निर्देश दिया गया। सर्वे में यह देखना है कि कोचिंग संस्थान का निबंधन है या नहीं। वहां शिक्षकों की संख्या कितनी है और संचालन का उद्देश्य क्या है। वहां प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है या मैट्रिक-इंटर की परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है। कोचिंग का संचालन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच तो नहीं हो रहा। बैठक में बताया गया कि विद्यालय में अनुपयोगी कमरा हो तो उसे आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन के लिए दिया जाए। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का नामांकन किस स्कूल में होगा यह भी पूर्व से तैयारी कर ली जाए। डीएम ने कहा कि शिक्षकों के सेवांत लाभ से जुड़ी शिकायत मिलने पर वहां के बीईओ पर कार्रवाई होगी। स्कूल में पूराने टूटे हुए उपस्करों की मरम्मत कराने या नीलामी कराने का निर्देश दिया गया।

डीईओ समर बहादुर सिंह ने कहा कि विद्यालय के बच्चों का सप्ताहिक एवं मासिक मूल्यांकन करते रहने का निर्देश प्राप्त है। सभी विद्यालयों में शौचालय एवं नल चालू हालत में रहें। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। डीएम ने कहा कि हर विद्यालय में स्थाई संपदा पंजी एवं अस्थाई संपदा पंजी संधारित होनी चाहिए। विद्यालय के नाम जितनी जमीन है, उसका सर्वे कराने को कहा गया। बैठक में उप निदेशक, जनसम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह के साथ-साथ सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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