श्रमिकों के प्रति नीतीश सरकार का रवैया आक्रोश भरने वाला है: तेजस्वी

बिहार नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश सरकार का गरीब श्रमिक भाइयों के प्रति संवेदनहीनता भरा रवैया सिर्फ़ परेशान करने वाला नहीं, बल्कि आक्रोश से भरने वाला है। ये श्रमवीर दूसरे राज्यों में इसीलिए जाने को मजबूर हुए क्योंकि 15 साल से तथाकथित सुशासन की ढपली बजाने वाली सरकार ने इनके लिए अपने राज्य में ही रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं किया। राज्य की लगभग आधी निर्धन आबादी का भरण पोषण ये श्रमिक करते हैं, राज्य सरकार नहीं।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के शुरू से ही नीतीश सरकार ने श्रमिकों के प्रति अपने दम्भी और संवेदनहीन रवैये से पूरे देश को चौंकाया। उन्हें आने से रोका, उनका भाड़ा देने से मना किया, गन्दे एकांतवास केंद्रों में यातनाएं दीं और अब काम दिलवाने के झूठे वादों और आश्वासनों से मानसिक प्रताड़ना दे रही है।

जगह जगह पोस्टर छपवा कर श्रमिकों के रोजगार के लिए फलां-फलां करने का झूठे दावे किए गए, कागज़ पर मनगढ़ंत आवंटन और योजनाओं के वादों का मायाजाल बुना गया पर धरातल पर कुछ नहीं हुआ।

तेजस्वी ने कहा कि थक हार कर आज हज़ारों की तादाद में रोज़ ये श्रमवीर अपना घर बार छोड़ पुनः दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं। बिहार के श्रमिकों की बिहार सरकार से ज्यादा परवाह तो पंजाब हरियाणा के किसानों को है जो बुआई के समय बस भेजकर इनके वापस लौटने और रोजगार की व्यवस्था कर रहे हैं। भाजपा और जदयू तो लज्जाहीनता और सत्तालोलुपता की सभी सीमाएं लांघ चुके हैं। एक तरफ सरकार 30 लाख श्रमिकों को रोजगार दे देने का झूठा दावा कर रही हैं तो दूसरी ओर ये दोनों दल मना रहे हैं कि ये सभी श्रमिक वापस लौट जाएं ताकि आगामी चुनावों में इन्हें इनके क्रोध और असंतोष का भागी ना बनना पड़े।

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