बिहार में बच्चों पर दिखने लगा कोरोना का कहर, पटना में अब बच्चों के बेड फुल, ऑक्सीजन की किल्लत शुरू

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में वारयल बुखार का कहर शुरू हो गया है। पीड़ितों में बड़ी संख्या बच्चों की है। परिणाम यह है कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईआईएमएस और पटना एम्स में बच्चों के सभी 108 पीकू और नीकू बेड फुल हो गए हैं। सामान्य बेड भी फुल होने के कगार पर है। इन चारों बड़े अस्पतालों में अभी कुल 467 बेड बच्चों के लिए मौजूद है, जिसमें से 390 पर मरीज भर्ती हैं। अधिकांश बच्चे सर्दी, खांसी, सांस फूलने, बुखार और निमोनिया से पीड़ित होकर इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं।

वहीं, मुजफ्फरपुर में पिछले 24 घंटे में 140 नए बच्चे भर्ती हुए हैं। इनमें 56 की हालत गंभीर हैं। हालांकि यहां के दो प्रमुख अस्पतालों एसकेएमसीएच के पिकू वार्ड के साथ केजरीवाल अस्पताल में 230 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। एसकेएमसीएच में एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज चल रहा है। उधर, भागलपुर के मेडिकल काॅलेज अस्पताल में 70 बेड के शिशु वार्ड में 50 बच्चाें का इलाज चल रहा है। इनमें 20 बच्चे वायरल फीवर वाले हैं। वहीं, सारण के अमनौर प्रखंड के सिरसा खेमकरण टारापर गांव में 4 दिनों में वायरल फीवर से तीन बच्चियों की मौत हो गई है। गांवावालों का कहना है कि अभी गांव में करीब 60 बच्चे बीमार भी हैं। उनको बुखार है। अब मेडिकल टीम द्वारा गांव में शिविर भी लगाया गया। सिविल सर्जन सुकुमार प्रसाद ने बताया कि चमकी बुखार की कोई पुष्टि नहीं हुई है। वायरल फीवर है। इलाज चल रहा है।

एम्स के शिशु रोग विभाग के डॉ. लोकेश तिवारी का कहना है कि यह मौसमी या फिर वायरल भी हो सकता है। इस मौसम में कई तरह के अनजान वायरस से भी बच्चों को परेशानी होती है। वैसे इसका सही कारण पता नहीं है।

एसकेएमसीएच के पिकू वार्ड में सीवान, गाेपालगंज, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण के बच्चे भर्ती हैं। शिशु राेग विशेषज्ञ डाॅ. गाेपाल शंकर सहनी बोले-ये वायरल बुखार कोरोना ग्रुप के वेरिएंट हो सकते हैं। हालांकि, पांच बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। छह माह तक के बच्चे चपेट में अधिक हैं।

एनएमसीएच शिशु रोग विभाग में कुल 136 बेड है। इसमें 85 बेड पर मरीज भर्ती हैं। एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि अस्पताल में सभी बेडों पर मरीज भर्ती हैं। यहां 22 बेड का नीकू और 15 बेड का पीकू है। सभी पर मरीज भर्ती हैं।

डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों को न कोरोना और न ही चमकी बुखार, सब ठीक हो रहे हैं। डरें नहीं।

पटना एम्स शिशु विभाग के जनरल वार्ड में 60 बेड हैं। सभी बेड फुल हैं। जबकि पीआईसीयू और एनआईसीयू में कुल 22 बेड है। सभी बेड फुल हंै। विभाग के हेड डॉ. लोकेश तिवारी बोले-दो बच्चे पोस्ट कोविड और एक बच्चा कोरोना संक्रमित भी है।

सावधानी क्या…साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। घर में यदि किसी बड़े को सर्दी, खांसी है तो बच्चों से दूरी बनाकर रखें। बच्चे यदि पीड़ित हैं तो उन्हें आइसोलेट कर दें।

}आईजीआईएमएस शिशु विभाग में 71 बेड हैं। बीते 10 से 15 दिन में 45 बच्चे भर्ती हुए हैं। सभी कोरोना निगेटिव हैं। यहां 16 बेड का पीकू और 7 बेड का नीकू है, सभी फुल हैं। बाकी बच्चे वार्ड में भर्ती हैं। हालांकि अभी वार्ड में 26 बेड खाली हैं।

}पीएमसीएच पीएमसीएच में रोज सर्दी, बुखार, निमोनिया से पीड़ित तीन से छह बच्चे भर्ती हो रहे हैं। यहां 16 बेड का पीकू व 10 बेड का नीकू है। इन सभी पर मरीज हैं। शिशु विभाग में 200 बेड की सुविधा है। पर हर वक्त यहां बेड फुल ही रहता है।

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