सिमुलतला आवासीय विद्यालय का जादू खत्म, 80% सीट खाली, एडमिशन लेने को बच्चे तैयार नहीं

बिहार के जिस स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए बच्चे लालायित रहते हैं और साल भर मेहनत करते हैं, उसी स्कूल के बारे में अगर आपसे यह कहा जाए कि उसमें एक ऐसा भी क्लास है जहां 80% बच्चे एडमिशन नहीं लेना चाहते हैं तो आप क्या कहेंगे. इस स्कूल को टॉपर्स की फैक्ट्री भी कहा जाता है. सुनने में आपको व्हाट्सएप लगी लेकिन यार सच है. हम बात कर रहे हैं सिमुलतला आवासीय विद्यालय की. वहीं विद्यालय जिसमें अपने बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए माता-पिता साल भर मेहनत करते हैं. वहीं विद्यालय एडमिशन हो जाने पर बच्चों को लोग भविष्य का टॉपर्स बताते हैं. लेकिन आज कहा जा रहा है कि उसी स्कूल में मैट्रिक पास करने के बाद कोई भी बच्चा नहीं पढ़ना चाहता. आसान भाषा में कहा जाए तो कक्षा 6 से 10 की पढ़ाई करने के बाद अधिकांश बच्चे इस स्कूल में नहीं पड़ना चाहते और बाहर चले जाते हैं.

नेतरहाट की तर्ज पर बिहार के जमुई जिले में 9 अगस्त 2010 को स्थापित तथा अल्प समय में ही टॉपर्स फैक्ट्री के रूप में उभरे सिमुलतला आवासीय विद्यालय इंटरमीडिएट की शिक्षा के लिए बिहार के छात्रों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। आलम यह है कि मौजूदा शैक्षिक सत्र में 11वीं कक्षा में तकरीबन 80 फीसदी सीट पर नामांकन के लिए इसे रिक्ति के बराबर भी आवेदन नहीं मिल रहे हैं। जिससे शिक्षा विभाग के निर्णय के बाद भी यहां नामांकन के लिए परीक्षा आयोजित नहीं हो पा रहा है।

आश्चर्यजनक पहलू यह है कि 6 से 12वीं तक संचालित इस विद्यालय से दसवीं बोर्ड पास करने वाले विद्यार्थी ही यहां बहुत कम रुक रहे हैं। सत्र 2022-24 में सिमुलतला विद्यालय (एसएवी) में मात्र 26 विद्यार्थी, जिन्होंने यहां से 10वीं पास की, वे अध्ययनरत हैं। अबतक यहां की 94 सीटें खाली हैं। हर साल 120 छात्र-छात्रा यहां से दसवीं कक्षा पास करते हैं। लेकिन विभिन्न कारणों से विद्यार्थी प्लस-2 की पढ़ाई के लिए बाहर चले जा रहे हैं। आलम यह है कि 11वीं में हर साल यहां के मूल छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने पहली बार ग्यारहवीं कक्षा में खाली सीट को बाहरी छात्रों से प्रवेश परीक्षा लेकर भरने का मौजूदा सत्र में फैसला लिया था। 94 रिक्त पदों के लिए 14 सितंबर 2022 को आवेदन मांगे गए थे। लेकिन दो बार अंतिम तिथि बढ़ाए जाने के बावजूद सर्वश्रेष्ठ विद्यालय को रिक्त सीट भरने मात्र तक आवेदन नहीं मिल सका।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने माना कि आवेदन कम आने से प्रवेश परीक्षा होने में देर हो रही है। इस माह के आखिर में प्रवेश परीक्षा होगी और उसके बाद जल्द ही रिजल्ट निकालकर नामांकन पूर्ण कर लिया जाएगा।

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