बड़ी खबर: अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार

डेस्क: संविधान के अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को हम जल्द देखेंगे। भारतीय जनता पार्टी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हुआ। हालांकि इस मामले की सुनवाई के लिए कोई तिथि निश्चित नहीं हुई है।संविधान का यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है।

पिछले दिनों संसद में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर विपक्ष की आशंकाओं का जवाब देते हुए अमित शाह ने उन्हें इस अनुच्छेद को ठीक से पढ़ने की नसीहत दी थी। उन्होंने कहा कि खुद अनुच्छेद में ही साफ तौर पर लिखा गया है कि यह अस्थायी है। लेकिन उन्होंने अनुच्छेद 370 पर सरकार की किसी कार्ययोजना की जानकारी नहीं दी।

Image result for amit shah संसद

बता दें कि अनुच्छेद 370 छब्बीस नवंबर, 1949 को अस्तित्व में आया था, जिसे संविधान सभा ने संविधान का हिस्सा बनाया था। अनुच्छेद 35 ए भी इससे जुड़ा हुआ है और यह जम्मू-कश्मीर राज्य में इसके नियत सांविधानिक रूप के तहत जनसांख्यिकी को संरक्षित करता है।

भारतीय संविधान के भाग 21 के तहत जम्मू और कश्मीर को यह अस्थाई, परिवर्ती और विशेष प्रबंध वाले राज्य का दर्जा हासिल होता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ‘अस्थायी प्रबंध’ के जरिए जम्मू और कश्मीर को एक विशेष स्वायत्तता वाला राज्य का दर्जा देता है।

भारत के सभी राज्यों में लागू होने वाले कानून भी इस राज्य में लागू नहीं होते हैं। 1965 तक जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था।

संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *