फिर गायब हुए तेजस्वी, सत्र के तीसरे दिन भी नहीं पहुंचे विधान सभा, सत्तापक्ष ले रहा चुटकी

PATNA : पुरानी बीमारी का इलाज कराकर दो दिन पहले पटना लौटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार को भी बिहार विधानसभा के चालू मानसून सत्र में नहीं आए। लोकसभा चुनाव में राजद का खाता नहीं खुलने के बाद से ही सार्वजनिक जीवन से दूर तेजस्वी यादव पर सबकी निगाहें टिकी थीं।

उम्मीद थी कि वे मानसून सत्र में आएंगे। लेकिन अपेक्षा के विपरीत वे सदन में नहीं आए। तेजस्वी के इस रुख पर राजद के कोई भी नेता आधिकारिक टिप्पणी करने से परहेज कर रहे हैं। तेजस्वी के सदन में नहीं आने से राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। सत्तापक्ष तेजस्वी पर जमकर चुटकी ले रहा है। मंगलवार को विधानसभा में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नेता प्रतिपक्ष को आड़े हाथों लिया। कहा कि 25-30 साल के संसदीय जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि बजट पर हुए वाद-विवाद में नेता प्रतिपक्ष नदारद रहे। आम तौर पर नेता प्रतिपक्ष की ओर से ही बजट भाषण शुरू करने की परम्परा रही है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष ने बजट पर अपनी राय नहीं रखी। कहा कि सरकार पर सवाल उठाने वाले को बताना चाहिए कि वे मुजफ्फरपुर क्यों नहीं गए। अगर अस्पताल जाने में परेशानी थी तो क्यों नहीं गरीबों के घर जाकर उनका आंसू पोंछे। विपक्ष केवल घड़ियाली आंसू बहा रहा है।

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जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि बिहार की राजनीति में शायद यह पहली बार है कि विपक्ष के नेता पटना में रहते हुए विधानसभा की कार्रवाई में नहीं पहुंच रहे। कहा, शायद उन्हें शर्म आ रही है कि कैसे सभी का सामना करेंगे। कहा, तेजस्वी यादव के हालात बदल चुके हैं। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव अपना और अपने परिवार का सोचें, क्योंकि बिहार के लोगों के बारे में नीतीश कुमार काफी सोचते हैं। उसी सोच के तहत बिहार विकास कर रहा है। कहा, बिहार में सिर्फ नीतीश मार्का ही चलेगा। क्योंकि ये टेस्टेड हैं।

आरोप लगाया कि लालू मार्का तो नकली और भ्रष्ट होने की गारंटी है। यह भी आरोप लगाया कि 15 साल के शासनकाल में समाज का अंतिम व्यक्ति एक पायदान भी ऊपर नहीं चढ़ सका। 1990 से 2005 तक लालू परिवार के अलावा बिहार में किसी की तरक्की नहीं हुई।

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