मां को स्कूटर पर बिठाकर बेटे ने कराई 17 तीर्थस्थानों के दर्शन,छोटी-छोटी ख्वाहिशें पूरी करते हैं

PATNA: करो दिल से सजदा तो इबादत बनेगी, मां-बाप की सेवा अमानत बनेगी, खुलेगा जब तुम्हारे गुनाहों का खाता, तो मां-बाप की सेवा जमानत बनेगी। आज लोग प्यार का मतलब सिर्फ एक लड़के और लड़की के बीच के प्यार को समझते है। लोग भूलते जा रहे है की मनुष्य को पहला निस्वार्थ और सच्चा प्यार सिर्फ अपने माता-पिता से मिला है। माता-पिता ने हमें जिंदगी देने के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना किया इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इसीलिए माता-पिता से हमेशा प्यार करे उनकी सेवा करे, माता-पिता की सेवा करना मतलब ईश्वर की सेवा करना।

इसी भावना के साथ पिछले डेढ़ साल से डॉक्टर कृष्णा कुमार अपनी मां को तीर्थ यात्रा कराने निकले हैं। वो भी अपनी स्कूटर पर। डॉक्टर कृष्णा कुमार कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। पिछले डेढ़ साल से वह  मातृ सेवा की संकल्प यात्रा पर हैं। दो पल भी अपनी मां को खुद से दूर से नहीं करते हैं। स्कूटर पर बिठाकर वह अपनी मां को देश-दुनिया का सफर करा रहे हैं। पिछले डेढ़ सालों में वह अपनी मां को 17 तीर्थ स्थलों के दर्शन करवा चुके हैं। वह स्कूल से नेपाल और भूटान भी जा चुके हैं। हाल ही में वह तीनसुखिया पहुंचे हैं।

कृष्णा कुमार का कहना है कि यह उनका मातृ संकल्प है। यह यात्रा उन्होंने 16 जनवरी 2018 को मैसूर से शुरू किया था। अब तक वह 4 हजार किलोमीटर से ज्यादा सफर कर चुके हैं। सबसे पहले वह कर्नाटक से केरल गए। फिर वह तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार तक की यात्रा कर चुके गैं।  साथ ही इन राज्यों के तीर्थ स्थलों और धार्मिक स्थलों के दर्शन भी करवाए। अब वे अरुणांचल प्रदेश के परशुराम कुंड की तरफ यात्रा करने जा रहे हैं। वहीं, मां के प्रति प्रेम को देख लोग उन्हें 21 सदी का श्रवण कुमार कहने लगे।

मां का कहना है कि मैं कृष्णा जैसा बेटा पाकर बेहद खुश हूं। जब से पति का निध’न हुआ है, तब से वह मेरा ख्य़ाल रख रहा है। इतना ही नहीं वह मेरी हर छोटी-छोटी ख्वाहिशें पूरी करता है। मेरी तीर्थयात्रा की ख्वाहिश भी करने के लिए वह मुझे स्कूटर से घुमा रहा है। भगवान ऐसा बेटा हर मां को मिले।

 

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